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जोड़ापोखर में पानी टंकी बनी शोभा, पेयजल के लिए हाहाकार

पाइप लाइन बिछाने का काम 9 माह से संवेदक ने अधूरा छोड़ा

By Prabhat Khabar News Desk | April 25, 2024 11:23 PM

-पाइप लाइन बिछाने का काम 9 माह से संवेदक ने अधूरा छोड़ा-रोके गये काम पर जल संसाधन व स्वच्छता विभाग ने साधी चुप्पी

झींकपानी.

झींकपानी प्रखंड की जोड़ापोखर पंचायत, टुटुगुटु पंचायत, कुदाहातु पंचायत सहित लगभग अन्य पंचायतों में हर घर नल जल योजना पूरी तरह विफल हो गयी है. जानकारी के अनुसार, जोड़ापोखर पंचायत में हर घर नल जल योजना का कोई लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है. पानी के लिए पाइप लाइन बिछाने का काम विगत लगभग 9 माह से संवेदक ने अधूरा छोड़ दिया है. जोड़ापोखर पंचायत के 80 फीसदी चापाकल भी खराब पड़े हुए हैं. जोड़ापोखर के चौधरी टोला, डुडियाबासा, गोपसाई, ताकताबाजार, हाटसाई के ग्रामीणों को काफी मशक्कत के बाद पानी मिल रहा है. वहीं, रोके गये काम पर जल संसाधन व स्वच्छता विभाग ने भी चुप्पी साध रखी है. इस संबंध में ग्रामीणों जब भी आवाज उठाते हैं, उन्हें कहा जाता है कि चुनाव के बाद सब ठीक हो जायेगा. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी में जब पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, ऐसे समय में ग्रामीण पानी के लिए कहां जायेंगे.

क्या कहते हैं ग्रामीण

जोड़ापोखर के लिए पुराने प्रखंड कार्यालय परिसर में पानी की टंकी बनायी गयी है. टंकी निर्माण का कार्य लगभग 10 माह पहले पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक इसका ट्रायल भी नहीं किया गया है.-

रश्मि नायक, ग्रामीण

जोड़ापोखर में पाइप लाइन बिछाने का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है. यह कब पूरा होगा, इसकी भी गारंटी कहीं नहीं है. पेयजल के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है.-

बसंती देवी, ग्रामीण

पुराने प्रखंड परिसर में बनी पानी टंकी चालू नहीं हुई है. पानी टंकी सेल्फी जोन बनकर रह गयी है. जहां शाम ढलते ही शराब पीने व नशाखोरी करने वालों का अड्डा बन जाता है.

-रीना गोप, ग्रामीण

सुबह से शाम तक घर की महिलाओं को पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. तेज धूप में भीषण गर्मी के बावजूद पानी के लिए घर से बाहर निकलना मजबूरी बन गया है.-

पार्वती लुगुन, ग्रामीण

गांव में अधिकांश चापाकल खराब हैं. एसीसी पानी टंकी में भी नियमित रूप से पानी सप्लाई नहीं की जाती. हर घर नल जल की अधूरी योजना से ग्रामीणों में सरकार, प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रति काफी नाराजगी है.-

सीता मुंडा, ग्रामीणB

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