गुमड़ा व इली नदियों की धार थमी, जनजीवन प्रभावित

झींकपानी प्रखंड में जीवनदायिनी गुमड़ा व इली नदियां हैं. यहां नदियों में धार कम होने से गड्ढों में जमा पानी दूषित हो गया है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 21, 2024 5:31 PM

प्रतिनिधि, झींकपानी

झींकपानी प्रखंड की दो मुख्य नदियां गुमड़ा व इली नदी हैं. गर्मी में दोनों नदियों का धार मंद पड़ गयी है. सिर्फ गड्ढों में पानी थोड़ा-बहुत बचा हुआ है. जिसका उपयोग ग्रामीण नहाने, मवेशियों को पानी पिलाने में कर रहे हैं. नदियों में पानी कम होने से दर्जनों गांवों के लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है.

जानकारी के अनुसार, इली नदी में पानी कम होने से झींकपानी के नवागांव, गुड़ा, चोया, बेटिया, हाथीमंडा के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. दूसरी ओर, झींकपानी व टोंटो प्रखंड की जीवन रेखा कही जाने वाली गुमड़ा नदी में पानी का बहाव पूरी तरह थम गया है. जिससे दर्जनों गांवों के 15 हजार से ज्यादा लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है. गुमड़ा नदी के सूखने से टोंटो प्रखंड के बड़ालिसिया, बड़ा झींकपानी, दोकट्टा, कोन्दोवा व झींकपानी प्रखंड के जोड़ापोखर, कुदाहातू, बिंगतोपांग, सुरजाबासा, रोटेदिरी के ग्रामीणों के समक्ष नहाने, मवेशियों को पानी पिलाने व बागवानी पर गहरा प्रभाव पड़ा है.

नदी किनारे की खेती प्रभावित, सब्जियां हुईं महंगी

मालूम हो कि दर्जनों गांवों के सैकड़ों लोग गुमड़ा नदी के किनारे बागवानी कर सब्जी उत्पादन करते हैं. नदी में पानी नहीं रहने से बागवानी नहीं कर पा रहे हैं. जिससे उनके समक्ष जहां रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी है. क्षेत्र में सब्जियां महंगी हो गयी हैं. विदित हो कि गुमड़ा नदी के किनारे बसे गांवों की बड़ी आबादी पानी के लिए नदी पर ही आश्रित हैं. पेयजल के लिए भी नदी का पानी छानकर व्यवहार में लाया जाता है. गर्मी में नदी के सूखने के कारण गड्ढों में पानी जमा पानी का उपयोग मनुष्य व पशु कर रहे हैं. गड्ढों का पानी भी दूषित हो गया है.

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