खदान मजदूरों के हक-हकूक की लड़ाई के लिए होगा आंदोलन, डीएमएफटी फंड का सही से नहीं हो रहा उपयोग : दीपक
Jharkhand news, West Singhbhum : सेल की किरीबुरु- मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन एवं ठेकेदारों द्वारा शोषित हजारों ठेका मजदूरों के शोषण- अत्याचार एवं उनके हक-अधिकार के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन किरीबुरु की धरती पर कोरोना खत्म होने या सरकार द्वारा अनलॉक की घोषणा के बाद किया जायेगा. उक्त बातें झारखंड माइंस मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष सह विधायक दीपक बिरुवा ने मेघाहातुबुरु में आयोजित यूनियन की विशेष बैठक में कही. उन्होंने कहा कि कम पैसा में ठेका मजदूर सेलकर्मियों से भी अधिक काम कराते हैं. इसके बावजूद प्रबंधन एवं ठेकेदार दोनों मिल कर खदान मजदूरों का शोषण कर रहे हैं.
Jharkhand news, West Singhbhum : किरीबुरु (पश्चिमी सिंहभूम) : सेल की किरीबुरु- मेघाहातुबुरु खदान प्रबंधन एवं ठेकेदारों द्वारा शोषित हजारों ठेका मजदूरों के शोषण- अत्याचार एवं उनके हक-अधिकार के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन किरीबुरु की धरती पर कोरोना खत्म होने या सरकार द्वारा अनलॉक की घोषणा के बाद किया जायेगा. उक्त बातें झारखंड माइंस मजदूर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष सह विधायक दीपक बिरुवा ने मेघाहातुबुरु में आयोजित यूनियन की विशेष बैठक में कही. उन्होंने कहा कि कम पैसा में ठेका मजदूर सेलकर्मियों से भी अधिक काम कराते हैं. इसके बावजूद प्रबंधन एवं ठेकेदार दोनों मिल कर खदान मजदूरों का शोषण कर रहे हैं.
विधायक ने कहा कि उन्होंने कहा कि जिला में डीएमएफटी फंड (DMFT Fund) बना है, जिसमें करीब 800 करोड़ रुपये आते हैं. इसमें सबसे बड़ा योगदान सेल प्रबंधन का है, लेकिन दुख की बात यह है कि खदान प्रभावित लोगों को इस फंड के माध्यम से बेहतर शिक्षा, चिकित्सा, पेयजल समेत तमाम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा. अब खदान प्रभावितों को उनका हक- हकूक का अधिकार देना ही पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि सेलकर्मियों की वेज-रिवीजन, इन्सेंटीव, रिवार्ड, लीव इन्कैशमेंट, संडे ड्यूटी, चिकित्सा सुविधा आदि समेत अन्य मांगों को लेकर भी आंदोलन किया जायेगा. जब तक आंदोलन नहीं होता है, तब तक न तो प्रबंधन दिलचस्पी दिखाते हैं और न ही ठेकेदार खदान मजदूरों के लिए सोचते हैं. लेकिन, अब ऐसा नहीं चलेगा. अब खदान मजदूरों को उनका अधिकार देना ही पड़ेगा.
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विधायक श्री बिरुवा ने कहा कि सेल की किरीबुरु- मेघाहातुबुरु एवं गुवा खदान से हर माह सेलकर्मी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. इससे मैन पावर कम हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर उत्पादन लक्ष्य बढ़ाया जा रहा है, जो गलत है. तीनों खदानों के सीजीएम से 600 स्थानीय बेरोजगारों की बहाली के लिए पहले बातचीत हो चुकी है. इसके बाद आरएमडी स्तर पर वार्ता होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं हो पाया. अब जल्द इस वार्ता पर जोर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि अगर प्रबंधन प्लांट नहीं लगाती है, तो खदान में स्थानीय मजदूरों से रेजिंग एवं ट्रांस्पोर्टिंग देकर रोजगार से जोड़ें.
सेल की किरीबुरु अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं तमाम सेवाएं दुरुस्त होने को लेकर भी आंदोलन होगा. विधायक ने यूनियन से जुड़े 7 सेवानिवृत्त सेलकर्मियों अभिराम भुईयां, डेविड बोदरा, प्रेमचंद्र नाग, युनास डोडराय, दुष्मंत महाकुड़, बसंत लागुरी और लोदरो सोरेन को उपहार देकर विदाई दी गयी. साथ ही उनके बेहतर स्वास्थ्य एवं भविष्य की कामना की कामना की गयी. इस दौरान विधायक ने कहा कि सातों सेवानिवृत्त सेलकर्मी यूनियन के संस्थापक सदस्य रहे हैं. इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है.
यूनियन के महासचिव वीर सिंह मुंडा ने कहा कि सेलकर्मी निरंतर सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं, जिससे हमारे संगठन के सदस्य भी कम हो रहे हैं. हम ठेका श्रमिकों को संगठन से अधिक से अधिक जोड़ कर उनकी समस्याओं का समाधान के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे. समाजसेवी सोनु सिरका ने ठेका श्रमिकों के शोषण बंद करने पर विशेष तौर पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अब ठेकेदार मजदूरों का शोषण करना बंद करें.
यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष एनएन घटवारी ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार एवं जिले के सभी सीटों पर यूपीए के सांसद और विधायक होते हुए भी हम मजदूरों एवं जनता की समस्याओं का समाधान नहीं कर पायेंगे तो लोग हमें माफ नहीं करेंगे. इस दौरान सुभाष बनर्जी, बोवास बोदरा, सुजीत कुजुर, जीएस मिश्रा, एके मुखर्जी, मंजित सिंह, बादल भूमिज, जौन गुड़िया, भूषण पूर्ति समेत काफी संख्या में सदस्य मौजूद थे. इस दौरान सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन किया गया.
Posted By : Samir Ranjan.