सावधान! वेश बदल कर शहर में घूम रहे हैं नकली साधु और चोर गिरोह के लोग
प्रतिनिधि, चक्रधरपुरचक्रधरपुर में साधु के वेश में घूमने वाले ठग के दो सदस्यों को बुधवार को पुलिस ने आम लोगों की सहायता से धर दबोचा है. पुलिस को यह सफलता तब हाथ लगी, जब तीन लोगों ने अपने घर में हुए गहने की चोरी की घटना को लेकर आरोपियों का पीछा किया. महज एक घंटे में ही आम लोगों ने आरोपियों को पकड़कर अपने गहने वापस निकाल लिए. घटना चक्रधरपुर थाना क्षेत्र के रिटायर्ड कॉलोनी की है. इधर, पुलिस दोनों गिरफ्तार नकली साधुओं से पूछताछ कर रही है, ताकि हाल के दिनों में हुए चोरी की अन्य घटनाओं का भी पर्दाफाश हो सके. वहीं, बूढ़ीगोड़ा मैदान से सभी बंजारों को तंबू हटाकर वापस अपनी जगह लौटने को भी कह दिया गया है. बंजारे अपनी तंबू उखाड़कर लौट रहे हैं.
ठगों ने पहले पानी मांग कर पीया, फिर गहने साफ करने को मांगे
जानकारी के मुताबिक, रिटायर्ड कॉलोनी निवासी छायाकार जितेंद्र के घर में साधु के वेश में तीन ठग घुसे. उस वक्त जितेन्द्र घर पर नहीं थे. पहले तो दोनों ने जितेन्द्र की पत्नी से पानी मांगकर पीया, फिर उसके बाद अपनी बातों में फंसाकर ठगों ने जितेन्द्र की पत्नी से कहा कि वे सोने गहने साफ कर चमका देते हैं. इसके बाद जितेंद्र की पत्नी ठगों की बातों में आ गयी और अपनी बेटी के कान के सोने के झुमके उसे साफ करने को दिये.
गहने की जगह रुद्राक्ष को एक साड़ी में कई गांठ बांधकर दिये
गहने साफ को मिलते ही ठगों ने जितेन्द्र की पत्नी की आंखों में धूल झोंकते हुए गहनों को अपनी गठरी में छिपा दी और उसकी जगह दो नकली रुद्राक्ष को एक साड़ी में कई गांठ बांधकर दे दिये और मंतर मारते हुए कहा कि वह उनके जाने के बाद गहने निकाले. इस बीच जितेन्द्र का भाई धर्मेन्द्र भी मौके पर पहुंचा. इधर, धर्मेन्द्र को लगा घर में पूजा-पाठ चल रहा है. धर्मेन्द्र को देख ठग मौके से तुरंत भाग गये. धर्मेन्द्र की भाभी ने बताया कि साधु ने साड़ी में गांठ बांधकर गहने रखे हैं, खोल दीजिये. यह सुनकर धर्मेन्द्र चौंका गया. साड़ी की गांठ खोली, तो उसमें कान के झुमके नहीं थे. इसके बाद धर्मेन्द्र ने साधु का पीछा किया और अपने भाई जितेन्द्र को भी घटना की जानकारी दी.
बूढ़ीगोड़ा मैदान में तंबू गाड़कर रह रहे थे ठग
ठगी का खुलासा होते ही पूर्व वार्ड पार्षद राजा प्रसाद, धर्मेन्द्र और जितेन्द्र मिलकर फरार आरोपियों की तलाश में लग गये. पूछताछ करते हुए तीनों चक्रधरपुर सोनुआ सड़क मार्ग के बूढ़ीगोड़ा गांव पहुंचे. जहां बड़ी संख्या में बंजारे ठहरे हुए थे. वहीं, किनारे एक हड़िया भट्ठी में नकली साधु हड़िया पी रहे थे. धर्मेन्द्र ने जब आरोपियों को पकड़कर पूछताछ करना चाहा, तो वह भागने की कोशिश करने लगे. इतने में तीनों ने मिलकर दोनों को दबोचा. इस दौरान गांव वाले भी उनके साथ आ गये. तो आरोपी अपनी गलती मानते हुए सोने के झुमके लौटा दिये. इधर, घटना की सूचना के बाद मौके पर पुलिस भी पहुंची. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया और थाना ले गयी. जो कि बूढ़ीगोड़ा मैदान में तंबू गाड़कर रह रहे थे और लोगों को ठगी और चोरी का शिकार बना रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है