जैंतगढ़ : वैतरणी नदी की चौड़ाई 200 मीटर से सिकुड़ कर हुई 20 फीट

गर्मी के कारण नदी का जलस्तर घटा, तटीय क्षेत्र में परेशानी बढ़ी. कई स्थानों पर नदी का जलस्तर हुआ नाले के समान.

By Prabhat Khabar News Desk | June 13, 2024 11:38 PM

प्रतिनिधि,जैंतगढ़

ओडिशा की दूसरी सबसे बड़ी नदी वैतरणी करोड़ों जन जीवन को लाभ पहुंचाती है. जैंतगढ़ आसपास में वैतरणी का चार प्रखंडों का संगम बनता है. जिसमें जगन्नाथपुर, चंपुआ, जोड़ा व मयूरभंज जिले का करंजिया प्रखंड शामिल है. लगातार पड़ने वाली तेज धूप व गर्मी की वजह से नदी का जलस्तर कम होता जा रहा है. क्षेत्र की लाइफलाइन कही जाने वाली वैतरणी नदी की चौड़ाई 200 मीटर के स्थान पर मात्र 20 फीट ही रह गयी है. भीषण गर्मी में नदी में पानी सूखने से लोग काफी परेशान हैं. नदी सूखने की कगार पर पहुंच चुकी है.

सैंकड़ों गावों के लोग वैतरणी के जल पर आश्रित

जानकारी के अनुसार, जगन्नाथपुर प्रखंड के भनगांव, सियालजोड़ा, जैंतगढ़, मुण्डुई व गुमुरिया पंचायत वैतरणी तट पर स्थित होने के कारण पूर्ण रूप से वैतरणी पर आश्रित हैं. इन क्षेत्र के लोग पेयजल, स्नान, पशु स्नान, कपड़े धोने व वाहन धोने से लेकर अपने स्तर से पंप लगा कर सिंचाई का काम करते हैं. जैंतगढ़ आसपास आधा दर्जन से अधिक जलमीनार बनायी गयी हैं. जिनमें वैतरणी का पानी ही लिफ्ट कर सप्लाई की जाती है. ओडिशा-झारखंड के सैंकड़ों गावों के लोग वैतरणी के जल पर आश्रित हैं.

नदी में घुटने तक पानी, गंदगी भी पसरी

वैतरणी नदी बारिश के दिनों में इस नदी को दरिया कहना गलत नहीं होगा. आम दिनों में नदी की चौड़ाई 150 से 200 मीटर तक बनी रहती है और बरसात के दिनो में 500 से 600 मीटर तक हो जाती है. लेकिन अब आलम यह है कि गर्मी में इसकी चौड़ाई बमुश्किल 10 से 20 मीटर ही रह गयी है. कई स्थानों में तो यह नदी नाला के समान प्रतीत हो रही है. पानी की गहराई भी कम है. अब घुटने तक पानी है. लोग मग से पानी निकाल कर स्नान कर रहे हैं. पानी कम होने के कारण गंदगी भी साफ दिखाई दे रही है. नदी से सटे जिन गांव में सप्लाई का पानी नहीं जाता है, वहां के लोग नदी के किनारे बालू में गड्ढा करके साफ पानी प्राप्त कर रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version