प्रतिनिधि, चक्रधरपुर
चक्रधरपुर बीडीओ सह अंचलाधिकारी के कार्यालय में अधिकारियों, कर्मचारियों से लेकर फरियादियों तक को एक साल से पेयजल के लिए तरसना पड़ रहा है. अगर किसी कार्य से चक्रधरपुर प्रखंड सह अंचल कार्यालय आना हुआ, तो लोग अपने लिए पीने का पानी लेकर आ रहे हैं. यहां काम करने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारी अपने लिए घर से ही पीने का पानी लेकर आते हैं या फिर बाहर किसी दुकान से खरीद कर पीते हैं. प्रखंड सह अंचल कार्यालय अधीनस्थ क्षेत्रों में पदाधिकारी पेयजल समेत कई तरह की करोड़ों की योजनाएं स्वीकृत कर लोगों को लाभ देते हैं, लेकिन एक साल से लोगों को अपने कार्यालय में पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं दे पा रहे हैं. इससे सबसे ज्यादा दिक्कत सुदूर ग्रामीण क्षेत्र से पहुंचने वाले फरियादियों और कर्मचारियों को हो रही है. प्रतिदिन 30 से 35 डिग्री तापमान वाली इस भीषण गर्मी में भी पेयजल जैसी मूलभूत आवश्यकता पर प्रखंड सह अंचल कार्यालय में लोगों को राहत देने की कोई पहल नहीं की गयी है.एक साल से बेकार वाटर प्यूरिफायर और डिस्पेंसर
कार्यालय में वाटर प्यूरिफायर और दो डिस्पेंसर लगाकर लोगों को शीतल पेयजल उपलब्ध कराने की पहल तो की गयी थी. लेकिन ये सभी अब बेकार पड़े हैं. पूरे कार्यालय परिसर में कहीं भी आपको शीतल पेयजल के लिए एक अदद प्याऊ की व्यवस्था भी नहीं दिखेगी. कार्यालय परिसर में कहीं भी मिट्टी की हंडी, सुराही का पानी भी लोगों को नसीब नहीं हो रहा है.सीओ ने दुरुस्त करने का दिया है निर्देश, नाजिर ने साधी चुप्पी
ऐसा नहीं है कि अधिकारियों को वाटर प्यूरिफायर और दो डिस्पेंसर के खराब होने की जानकारी नहीं है. पिछले दिनों बीडीओ सह अंचलाधिकारी गिरजानंद किस्कू ने अंचल के नाजिर को शीतल पेयजल की आवश्यकता को ध्यान में रखकर वाटर प्यूरिफायर और दोनों डिस्पेंसर को मरम्मत कराने का निर्देश दिया था. साथ ही कार्यालय परिसर में प्याऊ की भी व्यवस्था करने की सख्त हिदायत दी थी, लेकिन जनमानस की इस मूल आवश्यकता पर नाजिर ने चुप्पी साध ली है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है