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Jharkhand News : सरकारी व्यवस्था की खुली पोल, 11 किलोमीटर तक 6 लोगों ने शव को बक्से में रखकर ढोया

पश्चिमी सिंहभूम का पोडेंगर गांव आज भी विकास में 100 साल पीछे है. यहां के ग्रामीणों को कई किलोमीटर चल कर इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. हाल की घटना में एक महिला मलेरिया से पीड़ित थी लेकिन गांव में प्रयाप्त संसाधन नहीं होने से उन्हें रांची जाना पड़ा जहां उसकी मौत हो गई. वापस लौटने के क्रम में रास्ता नहीं होने से महिला को बक्से में बंद कर 11 किलोमीटर तक ढोकर लाना पड़ा.

बंदगांव : पश्चिम सिंहभूम जिला आज भी विकास की जो बुलंदियों तक पहुंचनी चाहिए थी वह पहुंच नहीं पाई है. आज भी दूर दराज एवं दुर्गम जंगल क्षेत्र में चलने तक को सड़क तक नहीं है. जिसका खामियाजा यहां के स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. गुरुवार को गुदडी प्रखंड के तूजूर गांव की एक 22 वर्षीय महिला सिलवंती नाग की रांची रिम्स में मलेरिया से मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने उसके लाश को कोलेड़ा तक सवारी गाड़ी तक लाया. वहां से रास्ता नहीं होने के कारण 11 किलोमीटर पैदल लाश को बक्से में रख कर 6 आदमी लकड़ी के सहारे ढ़ोकर तुजुर गांव पहुंचे.

11 किलोमीटर तक 6 लोगों ने ढोया शव

पोडेंगेर निवासी बासु बोरजो ने बताया कि मृतक अनूप नाग की पत्नी थी. उसका विवाह 2 वर्ष पहले ही हुआ था . मगर अस्पताल की कमी एवं सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि शव को ले जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण 6 ग्रामीणों को पैदल ही ढ़ोकर लाश को मृतक के घर तक पहुंचना पड़ा.

वर्षों से की जा रही है सड़क की मांग

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सड़क निर्माण की मांग वर्षो से की जा रही है. मगर अब तक यहां सड़क नहीं बनी है. सड़क नहीं होने के कारण खामियाजा यहां का स्थानीय ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा विगत दिनों पोडेंगेर में सड़क निर्माण को लेकर बैठक भी की गई थी. यहां सांसद जोबा मांझी को बुलाया भी गया था. जोबा मांझी के स्थान पर उनके पुत्र जगत मांझी आए थे.

सांसद जोबा माझी के बेटे ने दिया था आश्वासन

जगत मांझी ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि पोडेंगेर से गुदड़ी तक 35 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया जाएगा. मगर अब तक सड़क नहीं बन पाया है. उन्होंने कहा यह सड़क बन जाने से सैकड़ो गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा. घनघोर जंगल क्षेत्र होने व सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को शव को ले जाने में काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा.

स्वास्थ्य व्यवस्था भी है खराब स्थिति में

बासु बोरजो ने सरकार से मांग किया कि एक बंदगांव में भी एक भव्य अस्पताल का निर्माण कराया जाए. जिससे यहां के स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके .उन्होंने कहा यहां का अस्पताल में उचित संसाधन नहीं होने के कारण लोगों को इलाज के लिए रांची जाना पड़ता है. मगर गरीब क्षेत्र होने के कारण समय पर मरीज का इलाज नहीं हो पाता है जिससे दर्जनों ग्रामीण की मौत हो चुकी है. सरकार इस ओर ध्यान दें और सभी ग्रामीण क्षेत्र की सड़क को मुख्य सड़क से जोडें.

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