बिहार: गया में जीतनराम मांझी से टकराएंगे RJD के कुमार सर्वजीत, जानिए इस सीट से दोनोंं का नाता..
गया में जीतन राम मांझी और कुमार सर्वजीत के बीच सीधी टक्कर होगी. जानिए सियासी सफर..
बिहार में एनडीए ने सीटों का बंटवारा तय कर लिया है. महागठबंधन में इसे लेकर कवायद अभी भी जारी है. कांग्रेस से चल रही बातचीत के बीच राजद ने कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार अब तय कर लिए हैं और उन्हें पार्टी का सिंबल भी सौंपना शुरू कर दिया है. गया सीट पर इसबार एनडीए की ओर से हम पार्टी अपना उम्मीदवार उतारेगी. जबकि महागठबंधन की ओर से राजद का उम्मीदवार मैदान में होगा. इस बार पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत के बीच आमने-सामने की टक्कर होगी.
गया सीट इसबार हम पार्टी के पास..
गया सीट इसबार जदयू के पास नहीं है. गया सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र से जदयू के सांसद वर्ष 2019 के चुनाव में जीते थे. एनडीए गठबंधन में समझौते में ये सीट हम को चली गयी है. गया से हम पार्टी का मुकाबला राजद से होगा.इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी एनडीए के उम्मीदवार होंगे, इसकी प्रबल संभावना है. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के उम्मीदवार जीतनराम मांझी को गुरुवार को सिंबल मिलने की संभावना है.
जीतनराम मांझी बनाए जाएंगे उम्मीदवार..
बताया जा रहा है मांझी 28 मार्च को नामांकन करेंगे. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष सुमन के नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद भी कयास लगाया जा रहा था कि वे ही गया से लोकसभा के उम्मीदवार होंगे. पार्टी नेताओं का कहना है कि संगठन को मजबूत करने के लिए संतोष सुमन को बिहार मंत्रिमंडल में रखने का निर्णय लिया गया है. वहीं राजद ने पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को गया सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया है. सूत्रों के मुताबिक उन्हें राजद का सिंबल मिल चुका है.
जीतनराम मांझी का सियासी सफर…
जीतनराम मांझी जगन्नाथ मिश्रा, चंद्रशेखर सिंह, लालू यादव, राबड़ी देवी समेत कई मुख्यमंत्रियों के अधीन बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं. कांग्रेस, जनता दल, राजद, जदयू से वो जुड़े रहे और हम पार्टी के अध्यक्ष रहे. गया जिले के खिजरसरय क्षेत्र के महकार गांव में उनका जन्म हुआ था. मगध विश्वविद्यालय से वो स्नातक हैं. जीतनराम मांझी कांग्रेस की टिकट पर गया के फतेहपुर से पहली बार विधायक बने थे. बिहार में चंद्रशेखर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में पहली बार उन्हें मंत्री बनाया गया था. 1990 में चुनाव हारने के बाद वो जनता दल में गये. राजद उम्मीदवार बनकर बाराचट्टी का उपचुनाव उन्होंने जीता था. 2000 का विधानसभा चुनाव भी राजद के ही टिकट पर उन्होंने जीता. राजद की सरकार में वो मंत्री भी बने रहे. 2005 के विधानसभा चुनाव के बाद जीतनराम मांझी ने जदयू का दामन थामा और जदयू उम्मीदवार बनकर जीते. वो जदयू में रहकर मुख्यमंत्री पद पर भी बैठे. जहानाबाद के मखदुमपुर से वो जीतकर विधानसभा गए. जब जदयू एनडीए से अलग हुई तो मांझी गया से चुनाव लड़े लेकिन उनकी हार हुई थी. वहीं सियासी उठापठक के बीच जीतनराम मांझी का जदयू से मोह भंग हुआ तो उन्होंने हम पार्टी का गठन किया था जिसके संस्थापक अध्यक्ष वो बने थे. लोकसभा चुनाव 2024 में जीतन राम मांझी गया सीट से एनडीए के उम्मीदवार होने जा रहे हैं.
राजद के कुमार सर्वजीत को जानिए..
राजद ने गया सीट पर कुमार सर्वजीत को उम्मीदवार बनाया है. कुमार सर्वजीत नीतीश कैबिनेट में महागठबंधन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. वो पूर्व सांसद स्व. राजेश कुमार के पुत्र हैं. जो गया सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे. 2005 में उनके पिता की हत्या हो गयी जिसके बाद कुमार सर्वजीत ने राजनीति में एंट्री ली और 2009 के उपचुनाव में पहली बार लोजपा के टिकट पर विधायक बने. वहीं 2015 के चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. बोधगया सीट से वो दो बार जीते. बीआइटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई उन्होंने की है.