Jyotipriya Mallick : सीने में दर्द के बाद एसएसकेएम में भर्ती कराए गए ज्योतिप्रिय मल्लिक, डाॅक्टरों ने कहा अब..

Jyotipriya Mallick : पूर्व खाद्य मंत्री को पिछले अक्टूबर में राशन भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. चाहे हाई कोर्ट हो या निचली अदालत, ज्योतिप्रिय मल्लिक की बीमारी का जिक्र उनके वकील द्वारा बार-बार किया गया है.

By Shinki Singh | July 24, 2024 1:03 PM
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Jyotipriya Mallick : पश्चिम बंगाल में राशन घोटाला मामले में काफी लंबे समय से ज्योतिप्रिय मल्लिक जेल में है. पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Jyotipriya Mallick ) प्रेसीडेंसी जेल में अचानक देर राद बीमार पड़ गये. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ था. रात में उन्हें जेल से एसएसकेएम अस्पताल लाया गया. जेल के डॉक्टरों ने पहले उनकी जांच की. लेकिन सीने में दर्द कम नहीं होने पर जेल अधिकारियों ने मंगलवार रात एसएसकेएम अस्पताल से संपर्क किया.

एसएसकेएम में भर्ती कराया गया ज्योतिप्रिय मल्लिक को

डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें जेल से अस्पताल के कार्डियोलॉजी आपातकालीन विभाग में लाया गया. वहां उनका इलाज किया गया. कई परीक्षण भी किये गये. हालांकि, रिपोर्ट में कुछ भी चिंताजनक नहीं होने के कारण, ज्योतिप्रिय को आवश्यक दवा के साथ छुट्टी दे दी गई. रात में उन्हे वापस जेल लाया गया.

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अक्टूबर में ईडी ने पूर्व खाद्य मंत्री को किया थागिरफ्तार

पूर्व खाद्य मंत्री को पिछले अक्टूबर में राशन भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद वह बीमार पड़ गये. फिर उन्हें एसएसकेएम में भर्ती कराया गया. पता चला कि पूर्व मंत्री को ब्लड प्रेशर की समस्या है. वह कुछ दिनों तक वह आईसीयू में थे. इसके बाद वह जेल में कई बार बीमार पड़े. चाहे हाई कोर्ट हो या निचली अदालत, ज्योतिप्रिय मल्लिक की बीमारी का जिक्र उनके वकील द्वारा बार-बार किया गया है.

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ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कई बार शारीरिक बीमारियों का हवाला देकर जमानत की मांग की

16 जुलाई को हाई कोर्ट में ज्योतिप्रिय के जमानत मामले में उनके वकील ने कहा कि पूर्व मंत्री की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है. किडनी की समस्या भी है. पिछले साल इलाज के लिए चेन्नई गए थे. जेल जाने के बाद से किडनी की जांच नहीं हुई है. परिणामस्वरूप, किडनी रोग की वर्तमान स्थिति जानने के लिये जमानत की आवश्यकता है. सुनवाई के अंत में न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष ने ज्योतिप्रिय को शारीरिक परीक्षण कराने और रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. निचली अदालत में भी उनके वकील ने पूर्व मंत्री की शारीरिक स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की थी. इससे पहले ज्योतिप्रिया कई बार शारीरिक बीमारियों का हवाला देकर जमानत की मांग कर चुकी हैं हालांकि, कोर्ट ने अभी तक उनको जमानत नहीं दी है.

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