केरल में कोविड-19 के 10 नये मामलों में पत्रकार भी शामिल
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि राज्य में बुधवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए 10 लोगों में एक टेलीविजन पत्रकार और तीन स्वास्थ्यसेवा कर्मी शामिल हैं . संक्रमित पाया गया पत्रकार कासरगोड का रहने वाला है. वह कोरोना वायरस से राज्य में संक्रमित पाया गया पहला मीडियाकर्मी है.
तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया कि राज्य में बुधवार को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए 10 लोगों में एक टेलीविजन पत्रकार और तीन स्वास्थ्यसेवा कर्मी शामिल हैं . संक्रमित पाया गया पत्रकार कासरगोड का रहने वाला है.
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वह कोरोना वायरस से राज्य में संक्रमित पाया गया पहला मीडियाकर्मी है. विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मीडियाकर्मियों को समाचार एकत्र करते समय पूरी सावधानी बरतनी चाहिए.
इन 10 मामलों में से छह मामले कोल्लम और दो-दो मामले तिरुवनंतपुरम और कासरगोड में सामने आए हैं. मुख्यमंत्री ने बताया कि बुधवार को 10 लोगों की जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित नहीं पाए गए. राज्य में मंगलवार तक 123 संक्रमित लोगों का अस्पताल में उपचार चल रहा था और कुल 485 लोग संक्रमित थे.
केरल सरकार ने पैसों की कमी को दूर करने के लिए कर्मचारियों के बेटने कटौती का फैसला लिया है. बुधवार को एक अध्यादेश लाने का फैसला किया गया है. केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से जारी कर्मचारियों के वेतन कटौती के आदेश पर अगले दो महीने तक के लिए रोक लगा दी थी.
हाईकोर्ट ने इस आदेश को कानून सम्मत नहीं बताया था. हाईकोर्ट के उक्त रुख के एक दिन बाद केरल की वाम नेतृत्व वाली सरकार ने यह फैसला लिया. आदेश में कहा गया था कि अगले पांच महीनों तक हर महीने राज्य सरकार के कर्मचारियों का छह दिन का वेतन काटा जाएगा. कर्मचारी संगठनों ने इस फरमान के विरोध में अदालत का रुख किया था.
हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी इसके बाद बाद सरकार ने अपनी रणनीति बदला है। राज्य के वित्त मंत्री टीएम थॉमस इसाक ने मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में बताया कि अध्यादेश के तहत राज्य सरकार कर्मचारियों का 25 फीसद वेतन काटेगी. थॉमस ने बताया कि अध्यादेश के मुताबिक, आपदा की स्थिति में राज्य सरकार के पास सरकारी कर्मचारियों का 25 फीसद वेतन काटने का अधिकार होगा.
इस अध्यादेश के बाद सरकार कर्मचारियों के वेतन में कटौती कर सकेगी. रोके गए वेतन को छह महीने के भीतर वापस करने पर भी फैसला ले सकती है. अध्यादेश में दो जरूरी प्रावधान किए गए हैं. 25 फीसद वेतन रोका नहीं जाएगा और सरकार पहले के आदेश के तहत छह दिन का वेतन ही काटेगी