KK Pathak: सुबह 5.45 बजे स्कूल नहीं आयेंगे टीचर, शिक्षा विभाग ने मुंगेर के डीईओ का पत्र किया रद्द
KK Pathak: बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए अब आई राहत भरी खबर आयी है. शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की टेंशन कम कर दी है. मुंगेर के बरियारपुर बीईओ के नाम से जारी पत्र को शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया है.
KK Pathak: पटना. शिक्षा विभाग के आधिकारिक बयान के बाद शिक्षकों की टेंशन कम हो गयी है. मुंगेर के बरियारपुर बीईओ के नाम से जारी पत्र को शिक्षा विभाग ने रद्द कर दिया है. इस पत्र में शिक्षकों को 5.45 बजे तक स्कूल पहुंचने का निर्देश दिया गया था. शिक्षा विभाग ने इस पत्र को रद्द करते हुए कहा है कि बिहार में स्कूल का टाइमिंग में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है और सभी स्कूल अपने निर्धारित समय सुबह छह बजे से ही संचालित होंगी.
मुंगेर के डीईओ मो. असगर अली ने भी कहा कि जारी किया गया पत्र गलत है. उसमें कुछ गलती हो गई थी, इसलिए उसको कैंसिल किया गया है. बता दें कि इस संदर्भ में मुंगेर से जो 20 मई की तारीख में पत्र सामने आया था उसे बरियारपुर बीईओ आनंद कुमार के नाम पर जारी किया गया था.
बरियारपुर के बीईओ ने पत्र को बताया गलत
बरियारपुर बीईओ ने पत्र को गलत बताते हुए बुधवार को एक और पत्र जारी किया है. पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, बरियारपुर, मुंगेर के पत्रांक- 216, दिनांक- 20.05.2024 के तहत जारी किया गया वायरल पत्र निराधार और गलत है. अतः उक्त वायरल पत्र को सिरे से खारिज एवं फर्जी घोषित किया जाता है. हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब शिक्षा विभाग से जुड़े किसी आदेश के पत्र को फर्जी बताया गया हो. पहले भी इस तरीके की घटना सामने आ चुकी है. एक बार फिर पत्र को फर्जी करार दिया गया है.
शिक्षकों के लिए अब आई राहत भरी खबर
दरअसल शिक्षा विभाग ने 15 अप्रैल से 15 मई तक बिहार के सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी की गई थी. ग्रीष्मावकाश के बाद 16 मई से विद्यालय खुले हैं. अभी स्कूल का संचालन सुबह 6 बजे से 12 बजे तक हो रहा है. 12 बजे से 1:30 बजे तक मिशन दक्ष के तहत कक्षा संचालन किया जा रहा है. इस बीच 5.45 बजे पहुंचने वाले पत्र से शिक्षकों की टेंशन बढ़ गई थी. मीडिया में खबर चलने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया. शिक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पत्र को रद्द करने का निर्देश दिया. अब शिक्षा विभाग के खंडन के बाद उन्हें राहत मिली है. अब शिक्षक अपने निर्धारित समय पर ही स्कूल जायेंगे.