संघ लोक सेवा आयोग 2019 की परीक्षा में झारखंड के गोड्डा जिले के रहने वाले सौम्य ने 696वां रैंक हासिल किया है. वर्तमान में दिल्ली के आर्म्स फोर्स हेडक्वार्टर में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं.
कुमार सौम्य ने अपनी स्कूलिंग भागलपुर से की. इसके बाद सौम्य ने 12वीं की पढ़ाई रामकृष्ण मिशन देवघर से की. इसके बाद IIT मुंबई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.
सौम्य का सिविल सेवा परीक्षा में ये तीसरा प्रयास था. उनकी सफलता, उनकी तैयारी और सिविल सेवा परीक्षा की चुनौतियों को लेकर प्रभात खबर संवाददाता सूरज ठाकुर ने उनसे बात की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…
Q. सिविल सेवा परीक्षा में शानदार सफलता के लिये आपको बहुत बधाई.
सौम्य- जी धन्यवाद.
Q. आपने परीक्षा की तैयारी कैसे की. कौन सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
सौम्य- जी ये मेरा तीसरा प्रयास था. मैंने पहली बार साल 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी. इसके आधार पर मैं वर्तमान में दिल्ली स्थित आर्म्स फोर्स हेडक्वार्टर में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर तैनात हूं. साल 2018 में मैंने दूसरी बार प्रयास किया लेकिन उस समय इंटरव्यू तक ही पहुंच पाया. 2019 में मैंने और बेहतर करने के इरादे से फिर कोशिश की. इस बार मेरा रैंक 696 आया.
Q. आपने हमेशा से सिविल सेवा में जाने का सोचा था?
सौम्य- जी नहीं. मैंने आईआईटी मुंबई से कैमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. पढ़ाई पूरी करने के बाद मैंने 1 साल तक मुंबई में ICICI लोम्बार्ड में नौकरी की. लेकिन कुछ समय बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं कॉर्पोरेट नौकरी से खुश नहीं हूं. मुझे कुछ और करना चाहिये. मैंने फिर सिविल सर्विसेज की तरफ रूख किया.
पहली बार 2017 में कोशिश की और सफल रहा. लेकिन रैंक मन मुताबिक नहीं थी. मैंने 2018 में फिर से कोशिश की. इस बार इंटरव्यू से आगे नहीं निकल पाया. फिर मैंने 2019 में तीसरी कोशिश की और बेहतर रैंक हासिल किया.
Q. तैयारी को लेकर आपकी रणनीति क्या थी? मुख्य परीक्षा में आपका वैकल्पिक विषय क्या था और क्यों?
सौम्य- जी, चूंकि मैंने पहले से इस सर्विस में हूं इसलिये तैयारी में काफी मदद मिली. मैंने करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिये अखबारों पर निर्भर किया. विशेष तौर पर समसामयिक मुद्दों पर लिखे गये आर्टिकल्स पढ़ता था. अपनी तैयारी परखने के लिये विजन आईएएस जैसी मैग्जीन भी पढ़ता था. मैंने नियमित रूप से 6 से 7 घंटे पढ़ाई की. तैयारी के वक्त ये ज्यादा मायने नहीं रखता कि आपने कितने घंटे पढ़ाई की. बल्कि ये ज्यादा मायने रखता है कि उन घंटों में आपने कितनी क्वालिटी स्टडी की है.
Q. मुख्य परीक्षा में आपका वैकल्पिक विषय क्या था, इस विषय को चुनने की कोई खास वजह?
सौम्य- जी मुख्य परीक्षा में मैंने वैकल्पिक विषय के तौर पर मैथिली साहित्य को चुना था. मैं परीक्षा की तैयारी के दौरान, मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय को लेकर सोच रहा था. तभी मेरे दोस्त ने मुझे मैथिली साहित्य के विषय में बताया. हालांकि मेरी मातृभाषा मैथिली साहित्य नहीं है लेकिन इस भाषा की प्रकृति मुझे काफी अच्छी लगी. राम से जुड़ी कहानियां इसमें थी. इससे मुझे काफी पॉजिटिव एनर्जी भी मिलती है. मैंने वैकल्पिक परीक्षा में अच्छा स्कोर भी किया.
Q. आपका साक्षाक्तार कैसा हुआ. आपसे किस तरह के सवाल पूछे गये. साक्षात्कार के लिये आपकी तैयारी कैसी थी?
सौम्य- देखिये, साक्षात्कार के लिये आप सब्जेक्ट के आधार पर बहुत तैयारी नहीं कर सकते क्योंकि पैनल आपसे कुछ भी पूछ सकता है. आप सवालों के बारे में कोई भी सटीक अनुमान नहीं लगा सकते. हां, साक्षाक्तार के लिये मानसिक रूप से तैयार और मजबूत होना होता है. मुझे इंटरव्यू में व्यक्तित्व से जुड़े सवाल पूछे गये. कुछ सवाल ऐसे थे जो कॉमन सेन्स या सेंस ऑफ ह्यूमर से जुड़ा था. कुछ सवाल मैथिली साहित्य से जुड़े पूछे गये. पिछली बार के मुकाबले, इस बार मेरा इंटरव्यू काफी अच्छा रहा.
Q. नौकरी करते हुये सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कितना चुनौतीपूर्ण है?
सौम्य- बेशक, नौकरी करते हुये सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करना चुनौतीपूर्ण होता है. इसकी वजह है कि आपको अपनी सेवा से जुड़ी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना होता है. आप जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते. इसलिये समय का संतुलन बनाना पड़ता है. आपको वक्त निकालना होता है. मैं पहले से ही इस सेवा में हूं इसलिये काफी मदद मिली. मेरे कैडर के साथियों ने भी मेरी काफी मदद की. सीनियर्स का भी काफी सपोर्ट मिला. उन्होंने समय-समय पर मेरा मार्गदर्शन किया. परिणाम सामने है.
Q. सिविल सेवा परीक्षा की चुनौतियां क्या हैं? किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
सौम्य- सिविल सेवा परीक्षा में सबसे पहले आपको तैयारी के लिये तैयार होना पड़ता है. मतलब कि, आपको समझना होता है कि क्या पढ़ना है और क्या छोड़ देना है. कई बार लोग एक ही विषय के लिये कई स्त्रोतों पर निर्भर करते हैं. ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिये. आपको एक ही बेहतर स्त्रोत (किताब) का चयन करना चयन करना चाहिये और उसे ठीक से पढ़ना चाहिये. यहां कितना पढ़ा ये मायने नहीं रखता, मायने रखता है कि आपने क्या और कैसे पढ़ा है.
आपको मानसिक रूप से मजबूत बने रहना होता है. असफलता को हैंडल करना सीखना होता है. कामयाबी ना मिले तो आत्मचिंतन करना होता है कि कहां गलतियां हुई. कहां कमी रह गयी. गलतियों का विश्लेषण करने के बाद उसमें अपेक्षित सुधार करना जरूरी होता है. सफलता और असफलता दोनों ही स्थितियों में शांत बने रहना बहुत जरूरी है.
Q. सिविल सेवा में आपकी प्राथमिकता क्या होगी, आप समाज के लिये क्या करना चाहेंगे?
सौम्य-. देखिये, इस समय स्पष्ट नहीं है कि मुझे कौन सी सर्विस मिलेगी. लेकिन जो भी पोस्टिंग मिलेगी, मैं ग्रास रूट लेवल पर लोगों की समस्याओं और जरूरतों को अपनी प्राथमिकताओं में रखूंगा. मेरी कोशिश होगी कि लोगों को अपना हक का काम करवाने के लिये दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े. उन्हें उनके हक की चीजें समय पर मुहैया करवा दी जाये.
Q. सौम्य, आप अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहेंगे?
सौम्य- मैं अपनी सफलता का श्रेय मेरे परिवार को देना चाहूंगा जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया. मैं अपने पिता श्री हीराकांत झा का नाम विशेष तौर पर लेना चाहूंगा जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताया. उन्होंने मुझे वो सारी सुविधायें मुहैया करवाईं जिसकी मुझे जरूरत थी. मुझे तैयारी के दौरान कभी पैसों की दिक्कत महसूस नहीं होनी दी. मैं बताना चाहूंगा कि मेरे पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं लेकिन उन्होंने अपनी पहली कार तब खरीदी जब मेरी पहली नौकरी लग गयी थी. उन्होंने मेरा हमेशा साथ दिया.
Q. परीक्षा की तैयारी के दौरान होने वाले तनाव से उबरने के लिये आप क्या करते थे?
सौम्य- जी, मेरी साहित्य में रूचि है. मेरी आधात्म में भी काफी रूचि है. मैंने भगवदगीता पढ़ी है और भगवान श्रीकृष्ण के इस कथन से बहुत प्रेरित हूं कि, आपको अपना सर्वश्रेष्ठ कर्म करना चाहिये. फल या रिजल्ट की चिंता नहीं करनी चाहिये. सफलता और असफलता आपके हाथ नहीं है. आत्मचिंतन करते रहें. अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करें. मैंने इन्ही चीजों को फॉलो किया.
Q. सौम्य. इस पूरी बातचीत और अपना कीमती समय हमें देने के लिये आपका धन्यवाद.
सौम्य- जी धन्यवाद.
Posted By- Suraj Kumar Thakur