धनबाद : बीसीसीएल का फर्जी पे-स्लिप व आइ कार्ड देकर बैंक से लिये 82 लाख के लोन

फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद बैंक के शाखा प्रबंधक सूर्यभूषण रवि तत्काल शाखा से हटा दिया गया है. उन्हें रीजनल ऑफिस गिरिडीह में प्रतिनियुक्त किया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2024 6:19 AM

बीसीसीएल में नौकरी करने का झांसा दे और फर्जी दस्तावेज तैयार कर आधा दर्जन लोगों ने गोविंदपुर प्रखंड अंतर्गत झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की बरियो शाखा से करीब 82 लाख रुपये का ऋण उठा लिया. जब ऋण की किस्त जमा होनी शुरू नहीं हुई, तो मामले का खुलासा हुआ. गड़बड़ी सामने आते ही ब्रांच से लेकर रीजनल ऑफिस गिरिडीह तक खलबली मच गयी. बैंक को चूना लगाने वाले इन आधा दर्जन लोगों ने पर्सनल व वाहन ऋण लिये हैं. बताया जाता है कि जब ऋण की किस्त अदायगी नहीं हुई, तो बैंक के अधिकारियों ने जांच शुरू की. तब फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. ऋण लेने के लिए बीसीसीएल की पे-स्लिप व आइ कार्ड समेत कई अन्य फर्जी दस्तावेज जमा किये गये थे. बैंक प्रबंधक आशा सिन्हा की शिकायत पर गोविंदपुर थाना में भोला यादव व उसकी पत्नी रेणु देवी तथा सिंडिकेट के खिलाफ भादंवि की धारा 419, 420 ,406, 467, 468, 471, 120 (बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.

बैंक प्रबंधन ने शाखा प्रबंधक को पद से हटाया

फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद बैंक के शाखा प्रबंधक सूर्यभूषण रवि तत्काल शाखा से हटा दिया गया है. उन्हें रीजनल ऑफिस गिरिडीह में प्रतिनियुक्त किया गया है. वहीं आशा सिन्हा को नया प्रबंधक बनाया गया. नयी शाखा प्रबंधक आशा सिन्हा व रीजनल प्रबंधक विकास सिंह ने पुलिस को बताया कि तीन माह के अंतराल में छह लोगों ने फर्जी कागजात के जरिये पर ऋण लिया था. प्रथमदृष्टया बैंक प्रबंधक की लापरवाही का मामला लग रहा. जांच कार्य प्रभावित न हो, इसलिए उन्हें गिरिडीह रीजनल ऑफिस से अटैच किया गया है. थानेदार रविकांत प्रसाद ने बताया कि बैंक प्रबंधक के आवेदन पर फर्जीवाड़ा करनेवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. तहकीकात चल रही है. जांच में सभी लोगों का नाम सामने आयेगा. कांड के अनुसंधानकर्ता सहायक अवर निरीक्षक दिलीप कुमार सिंह बनाये गये हैं.

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