Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव 2024 के टिकट बंटवारे को लेकर सभी गठबंधनों को बीच संभावित उम्मीदवारों को लेकर चर्चा चल रही है. एनडीए में सीटों के बंटवारे में सबसे परेशानी का सबब लोजपा के दोनों धड़ों को लेकर है. 2019 के लोकसभा चुनाव में छह सीट जीतने वाली लोजपा पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद दो धड़ों में बंट गयी.
चाचा-भतीजे के बीच पार्टी बंट गयी
एक का नेतृत्व उनके भाई पशुपति कुमार पारस और दूसरे का नेतृत्व पुत्र चिराग पासवान कर रहे हैं. यानी लोजपा चाचा-भतीजे के बीच पार्टी बंट गयी. दोनों खुद को रामविलास पासवान के असली वारिस होने का दावा करते हुए लोजपा द्वारा जीती गयी छह लोकसभा सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं और इससे कम पर मानने को तैयार नहीं है, जबकि पार्टी के बंटवारे के बाद पांच सांसद पारस के साथ और चिराग अकेले रह गये.
खींचतान जारी है
हालांकि, बाद में वैशाली की सांसद वीणा सिंह ने वीणा सिंह चिराग के साथ आ गयीं. फिलहाल लोकसभा चुनाव की सीटों को लेकर चाचा-भतीजा के बीच खींचतान जारी है. चिराग पासवान ने गुुरुवार को सीट शेयरिंग के फॉर्मूला तय करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से नयी दिल्ली में मुलाकात की थी.
क्या होगा पारस और चिराग के बीच सीटों के बंटवारे का फाॅर्मूला
राज्य में लोकसभा की 40 सीटें हैं. पिछले चुनाव में 17-17 सीटों पर भाजपा और जदयू, जबकि बाकी छह सीटें लोजपा को दी गयी थीं. इनमें 17 सीटों पर भाजपा, 16 सीटों पर जदयू और छह सीटों पर लोजपा को जीत मिली थी. इस बार भाजपा ने एक तरह से 17 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. 16 सीटें जदयू के भी खाते में जा सकती हैं. अब बाकी बची सात सीटों पर चार पार्टियों की दावेदारी है.
चार सीटों का बंटवारा चाचा भतीजे के बीच होगा
पशुपति कुमार पारस, चिराग, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के बीच सीटें बाटी जा सकती हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें, तो एक-एक सीट मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के खाते में जाना लगभग तय है. बाकी पांच सीटों में से यदि वीआइपी के मुकेश सहनी एडीए में आते हैं, तो उन्हें भी एक सीट दी जायेगी. उसके बाद बची चार सीटों का बंटवारा चाचा-भतीजे के बीच किया जायेगा. सूत्रों की मानें, तो इनमें से तीन सीटें चिराग पासवान को और एक सीट पारस के खाते में जा सकती है.
पिछले चुनाव की तुलना में सीटों का अदला-बदली भी संभव
2019 लोकसभा चुनाव में लोजपा जिन छह सीटों पर जीती थी,उन सीटों की अदला बदली 2024 हो सकती है. नवादा लोकसभा सीट इस बाद इस बार भाजपा अपने खाते में रखना चाह रही है, जबकि इसके बदले चिराग पासवान को कोई दूसरी सीट मिल सकती है. जबकि हाजीपुर,समस्तीपुर और जमुई की सीटें यथा स्थिति रह सकती है.