Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना के बैरकपुर सीट पर सांसद अर्जुन सिंह (Arjun Singh) के साथ ‘खेला’ हो गया. अर्जुन सिंह के साथ उनकी ही दीदी ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ‘खेला’ कर दिया. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) ने उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बनाया. इसके बाद अर्जुन सिंह का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने अपना दर्द बयां भी कर दिया है. कहा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है.
42 उम्मीदवारों की लिस्ट से अर्जुन सिंह का नाम बाहर
लोकसभा चुनाव के लिए घोषित तृणमूल कांग्रेस के 42 उम्मीदवारों की लिस्ट में जब अर्जुन सिंह का नाम नहीं दिखा, तो अर्जुन सिंह बेहद नाराज भी दिखे. दर्द और रोष दोनों जाहिर किया. ब्रिगेड की सभा से जब ऐलान हुआ कि बैरकपुर से तृणमूल विधायक व राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक चुनाव लड़ेंगे, तो भाजपा छोड़कर तृणमूल में वापसी करने वाले सांसद अर्जुन सिंह के चेहरे पर उदासी छा गयी.
अर्जुन सिंह ने मजदूर भवन में प्रेस को किया संबोधित
घर लौटने के बाद रविवार शाम जगदल मेघना मोड़ स्थित मजदूर भवन में उन्होंने प्रेस को संबोधित किया. संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह बैरकपुर से लड़ेंगे. पहले ही पार्टी को कहा था, लेकिन लंबे समय से टालमटोल करके अंत में उन्हें टिकट नहीं दिया गया.
मेरे साथ विश्वासघात हुआ : अर्जुन सिंह
उन्होंने कहा कि दुख नहीं है कि टिकट नहीं मिला. लेकिन, इस बात का दुख जरूर है कि पार्टी ने पहले इसकी सूचना नहीं दी. पार्टी कह देती कि मुझे टिकट नहीं मिलेगा, तो ठीक होता. यह मेरे साथ विश्वासघात हुआ है. डेढ़ साल से पार्टी में कोई दायित्व नहीं दिया गया. केवल सांसद था. मुझसे कहा गया था कि बैरकपुर से टिकट दिया जायेगा.
डेढ़ साल तक सिर्फ आश्वासन दिया गया, मैं कोई सीजनल फल नहीं
अर्जुन सिंह ने कहा कि डेढ़ साल से यही कहा जा रहा था और आज अंतिम समय में टिकट नहीं दिया गया. यह एक तरह से मेरे साथ विश्वासघात हुआ है. यह ठीक नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जो उन्हें पसंद करेंगे, वह हमेशा पसंद करेंगे. वह कोई सीजनल फल नहीं हैं. वह 24 घंटे लोगों के साथ रहते हैं.
पहले बता देते, तो तृणमूल कांग्रेस में नहीं आता
उन्होंने कहा कि वह अपने समर्थकों से बात करेंगे. डेढ़ साल से पार्टी यह आश्वासन देती रही कि आपको टिकट देंगे और नहीं दिया, तो रोष तो रहेगा ही. अगर पार्टी पहले एक बार भी बोलती, तो वह तृणमूल कांग्रेस में वापस नहीं आते.
बैरक में जन्म लिया है औ यहीं मरेंगे : अर्जुन सिंह
कभी ममता बनर्जी के बेहद करीबी और विश्वासपात्र रहे अर्जुन सिंह ने कहा कि उन्होंने बैरकपुर के लोगों को धोखा नहीं दिया. उन्हें बार-बार प्रलोभन दिया गया कि दूसरी जगह चले जायें, लेकिन वह बैरकपुर छोड़कर कहीं दूसरी जगह नहीं जायेंगे. यहां जन्म लिया है और यही मरेंगे. पार्थो भौमिक अगर चाहेंगे, तो वह उनके समर्थन में प्रचार करने के बारे में भी सोचेंगे.
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