Lok Sabha Elections: अनुज शर्मा , मुजफ्फरपुर. गांधी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं को जात या जमात के बीच से अपना पाला चुनना है. यहां सियासी हवा का रुख अभी साफ नहीं है. यहां मुकाबला दिलचस्प है. क्योंकि इंडिया गठबंधन द्वारा संविधान बदलने, दलितों- पिछड़ों का आरक्षण खत्म करने जैसे मुद्दे से एनडीए का मुकाबला करने का प्रयास जारी है. मोतिहारी के मोहम्मद शाहिद यह समझाते हैं. भाजपा की राह आसान क्यों नहीं है ? इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं, राधा मोहन की राष्ट्रीय पहचान है. यूपी के प्रभारी रह चुके हैं. भले कई बार जीते हुए हैं. कांटे की टक्कर होगी. जो भी जीते हारे मार्जिन न्यूनतम होगा.
उस समय माहौल कुछ अलग था
महात्मा गांधी की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण में मतदाताओं के जातीय और चुनावी राजनीति को प्रभावित करनेवाले समीकरण को लेकर जब स्थानीय पत्रकारों से बात की गयी, तो मामला रोमांचक लगा .अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर एक पत्रकार ने बताया कि इंडिया गठबंधन ने पूर्व विधायक डॉ राजेश कुमार को प्रत्याशी बनाकर यहां की लड़ाई को टफ कर दिया है. राधामोहन सिंह 2019 का चुनाव ढाई लाख से अधिक वोटों से जीते थे. उस समय माहौल कुछ अलग था. मोदी मैजिक है. लेकिन, 2019 जैसा नहीं है. बिहार में जाति पर वोट गिरता है.
रामा देवी फैक्टर भी नजर आ रहा
बगल की सीट शिवहर में रामा देवी का टिकट काट दिया गया है . मोतिहारी में एक चर्चा यह भी है कि मेयर प्रीति गुप्ता के पति देवा गुप्ता इंडिया गठबंधन के साथ नजर आ रहे हैं. हालांकि मोहन सिंह, मुकेश राजपूत इन दावों को एकदम सिरे से खारिज कर देते हैं. मुकेश कहते हैं ‘ हमसे लिखकर ले लीजिए, भाजपा की बड़ी जीत होगी. मोदी की रैली में आयी भीड़ और उसकी गूंज फिजा में है. ‘
राधामोहन खुद को बता रहे मोदी मंदिर का पुजारी
9वीं, 11वीं, 13वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा में भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और यूपी बीजेपी के प्रभारी रह चुके राधा मोहन सिंह अपनी उम्र को नजरअंदाज कर सुबह से देर रात तक क्षेत्र में घूम रहे हैं. वह वोटरों के बीच भावनात्मक अपील कर रहे हैं. छह मार्च को बेतिया और 21 मई को मोतिहारी में पीएम मोदी के साथ मंच साझा करते हुए जिस प्रकार उन्होंने संबोधन किया वह चर्चा का विषय बना हुआ है. वह खुद को मोदी के मंदिर का पुजारी बताते हैं. मंच से कहते भी हैं कि ‘”मैं कोई गलती करता हूं. स्थानीय विधायक कोई गलती करते हैं. लेकिन, उसकी सजा आप देश को नहीं दें. नहीं तो आने वाली पीढ़ी के भविष्य और आपको नुकसान होगा. हम सब तो मोदी के मंदिर के पुजारी हैं और पुजारी के नाते हो सकता है,अगर आप मंदिर आए हों और पुजारी आपको प्रसाद के रूप में बताशा नहीं दिया हो, तो एक बताशा के लिए मंदिर तोड़ने की गलती मत करना. इसके विपरीत वीआईपी के उम्मीदवार डॉ राजेश कुमार भावनात्मक बातें कम कर रहे हैं. वह भाजपा के जीतने पर देश को क्या नुकसान होगा. वोटर का कौन- कौन हक मारा जायेगा यह बात कर रहे हैं.
लोकसभा सीट का इतिहास
1952 से 1972 तक इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा. भारतीय जनता पार्टी (तब जनता पार्टी) ने 1977 में पहली बार जीत का स्वाद चखा. हालांकि कांग्रेस से सीट छीन लेने के बाद भाजपा जीत को स्थायी नहीं रख सकी. 1980 के उपचुनाव में यह भाकपा की झोली में चली गयी . कमला मिश्र मधुकर संसद पहुंचे. 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उपजी जनभावनाओं ने कांग्रेस की प्रभावती गुप्ता को जीता दिया. 1989 से 2009 तक दो बार भाजपा , राजद, कांग्रेस और सीपीआई एक- एक चुनाव जीत चुकी हैं. इस सीट को राधा मोहन का गढ़ कहा जाता है. 2024 में चुनाव आयोग के नये आंकड़े बताते हैं कि लोकसभा सीट पर 17 लाख से ज्यादा वोटर हैं. इसमें से नौ लाख से अधिक पुरुष और आठ लाख से अधिक महिला मतदाता हैं. 23 थर्ड जेंडर वोटर हैं.
2019 लोस चुनाव: पूर्वी चंपारण
पार्टी @उम्मीदवार @ वोट @वोट %
- बीजेपी @राधा मोहन सिंह @574,081 @ 57.81
- रालोसपा @आकाश प्रसाद सिंह @2,81,500 @28.43
- नोटा @ 22,706 @ 2.27
- बीएनडी @ सत्यम यादव @17,741 @1.78
- एसएसडी @ शोभा देवी @14,027 @1.40
- जीत का अंतर @ 2,93,648 @ 29.38
- मतदान @ 10,00,135 @ 60.30
2014 आम चुनाव: पूर्वी चंपारण
पार्टी @उम्मीदवार @ वोट @वोट %
- बीजेपी @ राधा मोहन सिंह @ 4,00,452 @ 48.68 @ +6.94
- राजद @ विनोद कुमार श्रीवास्तव 2,08,289 25.32 @ +0.04
- जदयू @ अवनीश कुमार सिंह 1,28,604 15.63 @ +15.63
- आप @ अमित कुमार चौबे 77,512 10.91 @ +10.91
- नोटा @ 13,261 @ 1.61
- जीत का अंतर @ 1,92,163, @ 23.36 %
- मतदान @ 8,22,671, @ 58.09 %
2009 आम चुनाव: पूर्वी चंपारण
पार्टी @उम्मीदवार @ वोट @वोट %
- बीजेपी @ राधा मोहन सिंह @ 2,01,114 @ 41.72
- राजद @ अखिलेश प्रसाद सिंह @ 1,21,824 @ 25.27
- कांग्रेस @ अरविंद कुमार गुप्ता @ 68,323 @ 14.17
- एलटीएसडी @ नागेंद्र सहनी @ 31,057 @ 6.44
- सीपीआई @ राम चंद्र प्रसाद @ 20,742 @ 4.30
- जीत का अंतर @ 79,290, @ 16.45 %
- मतदान @ 4,82,094, @ 40.61 %
पूर्वी चंपारण लोक सभा क्षेत्र- एक नजर में
- कुल मतदाता: —1790761
- पुरुष मतदाता : —940101
- महिला मतदाता : —85069
- तृतीय लिंग मतदाता : —21
मैदान में कितने प्रत्याशी : —12
कुल मतदान केन्द्र-1743
विधानसभा क्षेत्र वार मतदाताओं की संख्या-
- हरसिद्धि-(अ.जा)-280319
- गोविन्दगंज-282647
- केसरिया-274484
- कल्याणपुर-265438
- पिपरा-353905
- मोतिहारी-333968
2019 का मतदान-58.62 प्रतिशत
2014 में मतदान-56.25 प्रतिशत
लोकसभा क्षेत्र मोतिहारी से कब कौन चुना गया
लोस चुनाव वर्ष @ निर्वाचित सांसद का नाम @ पार्टी
- 1952 @ विभूति मिश्रा @भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1957@ विभूति मिश्रा @भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1962@ विभूति मिश्रा @भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1967@ विभूति मिश्रा @भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1971@विभूति मिश्रा @भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1977 @ठाकुर रमापति सिंह @जनता पार्टी
- 1980 @कमला मिश्रा मधुकर @भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
- 1984 @प्रभावती गुप्ता @भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1989@ राधा मोहन सिंह@ भारतीय जनता पार्टी
- 1991 @कमला मिश्रा मधुकर @भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
- 1996 @राधा मोहन सिंह @भारतीय जनता पार्टी
- 1998 @रमा देवी@ राष्ट्रीय जनता दल
- 1999 @राधा मोहन सिंह @भारतीय जनता पार्टी
- 2004 @अखिलेश प्रसाद सिंह @राष्ट्रीय जनता दल
विधानसभा क्षेत्र में दलीय स्थिति
पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीट आती हैं. इसमें हरसिद्धि (एससी), गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा और मोतिहारी है. इस लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के पास चार, जदयू और राजद के पास एक-एक विधायक हैं. हरसिद्धि (एससी) से कृष्ण नंदन पासवान (भाजपा), गोविंदगंज से सुनील मणि तिवारी (भाजपा), केसरिया शालिनी मिश्रा (जदयू), कल्याणपुर मनोज कुमार यादव (राजद), पिपरा से श्यामबाबू प्रसाद यादव (बीजेपी) और मोतिहारी से प्रमोद कुमार (बीजेपी) हैं.