इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में जिस जगह कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की जांच करने के लिए गयी डॉक्टरों की टीम पर पत्थर बरसाये गये थे, उस टाटपट्टी बाखल में एक दर्जन यानी 12 लोग इस जानलेवा विषाणु से ग्रस्त पाये गये हैं. टाटपट्टी बाखल में 11 दिन पहले एक व्यक्ति की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हो गयी थी. इसके बाद से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने यहां के 68 लोगों को क्वारेंटाइन किया है.
जांच के बाद मालूम हुआ कि इन्हीं लोगों में से 12 लोग कोविड-19 से पीड़ित हैं. टाटपट्टी बाखल में शनिवार को भी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लोगों की स्क्रीनिंग की. पिंजारा बाखल व जवाहर मार्ग से सात संदिग्ध को क्वारेंटाइन कराया. इसके साथ ही इंदौर में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 128 हो गयी है. इस शहर में अब तक 7 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है.
इंदौर के इस क्षेत्र में मेडिकल टीम पर पथराव की देशभर में निंदा हुई थी. स्वच्छ भारत अभियान में लगातार तीन बार नंबर वन आने वाले इंदौर को वाकये ने काफी बदनाम किया था. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि इंदौर में बड़ों की गलती की सजा मासूम बच्चों को मिल रही है. शुक्रवार को परिवार के साथ इन्हें भी आइसोलेशन में भेज दिया गया. शहर में 700 से ज्यादा लोग क्वारेंटाइन किये जा चुके हैं.
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शनिवार को उषागंज में 22 से अधिक लोगों को आइसोलेट किया गया, जिसमें कई बच्चे थे. राऊ-रंगवासा स्थित इंदौर इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ (आईआईएल) में क्वारेंटाइन टाटपट्टी बाखल के लोगों में से कोरोना से संक्रमित 12 मरीजों को शनिवार शाम को यहां से हटा दिया गया. इन्हें एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि वाणिज्यिक कर विभाग के एक कर्मचारी की कोरोना वायरस की वजह से शनिवार को मृत्यु हो गयी. वह इंदौर में पदस्थापित था, लेकिन बीमार पड़ने के बाद छिंदवाड़ा आया था और यहीं उसकी मृत्यु हुई. इसके अलावा इंदौर में भी एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. इंदौर में जहां कोरोना का ज्यादा प्रभाव है, वहां निगम कैमरे लगवा रहा है, ताकि उन क्षेत्रों में कोरोना से बचाव के लिए जारी-निर्देशों का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके.