मध्य प्रदेश में मनरेगा में 21 लाख लोगों को रोज मिल रहा रोजगार : शिवराज सिंह चौहान

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दावा किया है कि प्रदेश में प्रतिदिन 21 लाख लोगों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार मिल रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 10 लाख ज्यादा है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस से आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई हैं, उस वक्त मनरेगा मजदूरों का सहारा बन गई है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 'सबको मिलेगा रोजगार'' के तहत मनरेगा रोजगार कार्ड वितरण अभियान का शुभारंभ करते हुए चौहान ने प्रदेश के सरपंचों से कहा कि कोरोना वायरस ने रोजगार छीन लिया है. आर्थिक गतिविधिया बंद हो गईं हैं. रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है. इसलिए हमने तय किया कि तेजी से अब आर्थिक गतिविधियां चालू करनी हैं.

By Agency | May 23, 2020 8:01 AM

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को दावा किया है कि प्रदेश में प्रतिदिन 21 लाख लोगों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत रोजगार मिल रहा है, जो पिछले साल के मुकाबले 10 लाख ज्यादा है. उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस से आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई हैं, उस वक्त मनरेगा मजदूरों का सहारा बन गई है. वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘सबको मिलेगा रोजगार” के तहत मनरेगा रोजगार कार्ड वितरण अभियान का शुभारंभ करते हुए चौहान ने प्रदेश के सरपंचों से कहा कि कोरोना वायरस ने रोजगार छीन लिया है. आर्थिक गतिविधिया बंद हो गईं हैं. रोजी-रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है. इसलिए हमने तय किया कि तेजी से अब आर्थिक गतिविधियां चालू करनी हैं.

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10 लाख अधिक मजदूरों को मनरेगा में मिला काम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे समय में मनरेगा मजदूरों का सहारा बन गई है. मनरेगा में मजदूरों को काम मिला है और उनके लिये रोजी-रोटी की पुख्ता व्यवस्था हुई है. उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को फिर से धन्यवाद देंगे कि उन्होंने मनरेगा योजना के अंतर्गत राशि का कोटा बढ़ा दिया है. इसलिए अब हम ज्यादा मजदूरों को रोजगार दे सकते हैं. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार श्री चौहान ने बताया कि अभी अप्रैल से मई तक प्रदेश के जरूरतमंदों को 1,111 करोड़ रूपये के आसपास की सामग्री एवं राशि बांटी गयी है, जिसमें 700 करोड़ रूपये केवल मजदूरी है जो मजदूरों के खाते में गई है. उन्होंने कहा कि उन्होंने व्यापक पैमाने पर मनरेगा का काम चालू किया गया है. प्रदेश में करीब 23,000 के आसपास पंचायतें हैं और अपवाद छोड़कर सभी पंचायतों में काम चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आज लगभग 21 लाख मजदूरों को रोज रोजगार मिल रहा है. पिछले साल से 10 लाख से ज्यादा को मिल रहा है. श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले वर्ष करीब 11 लाख श्रमिकों को ही मनरेगा के तहत प्रतिदिन कार्य मिला था.

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मनरेगा के लिए बनेगा रोजगार कार्ड

श्री चौहान ने कहा कि मनरेगा के लिए रोजगार कार्ड जरूरी है. जो भाई-बहन दूसरे राज्यों से आये हैं, उनके रोजगार कार्ड तत्काल बनाना है और उनको भी काम पर लगाना है. श्री चौहान ने कहा कि आज से वे इस अभियान का नाम ‘श्रम सिद्धि अभियान’ दे रहे हैं. जिससे श्रम प्राप्त होगा, काम प्राप्त होगा. सरपंचों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सबको रोजगार कार्ड बनाना है, ताकि कम से कम मनरेगा की मजदूरी तो जरूरतमंदों को मिल जाये. उन्होंने कहा कि इसके लिए सर्वे का काम घर-घर शुरू हो रहा है. हमारा अमला सर्वे के काम में लगेगा और जिनके पास रोजगार कार्ड नहीं है उनका कार्ड बनाएंगे और जिनके पास काम नहीं है उनको काम देंगे. श्री चौहान ने बताया कि चाहे कुशल मजदूर हों या अकुशल मजदूर, सभी जरूरतमंदों को काम दिया जाएगा. कोई बेरोजगार न रहे, हर एक को राशन देंगे और कोई भूखा न सोये इसकी शुरूआत हुई है. उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए बाहर से आने वाले लोगों के भी रोजगार कार्ड बनाये जाएंगे, ताकि उन्हें भी मनरेगा के तहत काम मिल सके.

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