भोपाल : मध्य प्रदेश में पौधा लगाकर लगातार 30 दिनों तक उसकी देखभाल करने वाले लोगों के लिए अंकुर अभियान वरदान साबित हो रहा है. राज्य में पौधरोपण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक साल पहले 19 फरवरी 2021 को नर्मदा महोत्सव के मौके पर अमरकंटक की पहाड़ियों में एक साल तक पौधरोपण करने का संकल्प लिया था. अपने इस संकल्प को जनांदोलन बनाने के लिए उन्होंने अंकुर अभियान शुरुआत की थी. इसके तहत पौधा लगाकर वायुदूत ऐप पर फोटो अपलोड करने वालों को मुख्यमंत्री की ओर से पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है.
बताते चलें कि पौधरोपण की जरूरत और उसके महत्व को समझते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 19 फरवरी 2021 को नर्मदा जन्मोत्सव के अवसर पर अमरकंटक में ऐतिहासिक संकल्प लिया कि वे एक साल तक रोजाना कम से कम एक पौधा जरूर लगाएंगे. इस एक साल में अपनी व्यस्ततम दिनचर्या और दौरों में भी उन्होंने इस संकल्प का पालन करते हुए हर रोज एक पौधा जरूर लगाया. यहां तक कि उन्होंने गुजरात, बंगाल और केरल के चुनावी दौरे में भी प्रतिदिन एक पौधा लगाने का क्रम जारी रखा. अब जबकि उनका महायज्ञ को एक साल पूरा हो रहा है, तो ये अभियान एक जन-आंदोलन का रूप ले चुका है.
पौधरोपण के इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश की जनता के लिए अंकुर अभियान की शुरुआत भी की. मई 2021 में शुरू की गई इस योजना के जरिये लोगों को पौधा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना मुख्य मकसद था. वायुदूत ऐप के जरिये पंजीकरण के बाद उन्हें पौधा लगाते समय अपनी एक तस्वीर एप्लीकेशन पर अपलोड करनी होती है कि वे पौधे की देखभाल किस तरह से करते हैं. उसकी सारी तस्वीर उन्हें लगभग 30 दिनों तक अपलोड करते जाना होता है.
वायुदूत ऐप के जरिए लगातार 30 दिनों तक पौधों की देखभाल करने वाली तस्वीर अपलोड किए जाने के बाद मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक जिले के चुने हुए कुछ प्रतियोगियों को विजेता घोषित पुरस्कृत किया जाता है. इस अभियान की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में प्रदेश के नागरिक अंकुर मित्र बनकर प्रदेश भर में पौधे लगा रहे हैं.
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पौधरोपण अभियान को जनांदोलन बनाने का ही नतीजा है कि वन क्षेत्र के मामले में मध्य प्रदेश देश भर में पहले स्थान पर है. हाल ही में जारी हुए फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट 2021 में बताया गया है कि क्षेत्रफल के हिसाब से मध्य प्रदेश का वन क्षेत्र पूरे प्रदेश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.14 फीसदी है. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों का नंबर आता है.