फुटपाथ में पढ़ाई कर 10वीं में आयी फर्स्ट, अब भारती बोलीं- मैं IAS बनूंगी

भारती ने पास ही अहिल्याश्रम स्कूल में दाखिला लिया था. उसने स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई की. भारती ने बताया कि, मैं देर रात तक पढ़ती रहती थी और सुबह भी जल्दी उठ जाती थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2020 4:38 PM
an image

भोपाल: हौसले बुलंद हो और इरादे मजबूत तो कोई भी मंजिल पाई जा सकती है. चाहे सुविधा और संसाधन ना हो लेकिन दिल में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली एक बेटी ने. नाम है भारती खांडेकर.

हाल ही में आये हैं 10वीं के परिणाम

हाल ही में मध्य प्रदेश 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम आये हैं. इसमें इंदौर की बेटी भारती ने 68 फीसदी अंकों के साथ फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास किया है. नंबरों की होड़ वाले समय में आपको 68 फीसदी खास नहीं लगेंगे.

लेकिन भारती ने जिन परिस्थितियों में पढ़ाई करते हुये ये अंक हासिल किये हैं, वो जानने के बाद समझ आयेगा कि इन अंकों का भारती और उस जैसी अन्य बच्चियों के लिये कितना महत्व है.

फुटपाथ में रहता था पूरा परिवार

भारती बताती हैं कि पहले उनका परिवार जिसमें भारती सहित उनके माता पिता और 2 छोटे भाई हैं, झुग्गियों में रहा करते थे. लेकिन अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत उनकी झोंपड़ी तोड़ दी गयी. इसके बाद से ही भारती का परिवार इंदौर के शिवाजी मार्केट स्थित फुटपाथ पर किसी तरह तिरपाल टांग कर गुजर-बसर कर रहा था. भारती के पिता दशरथ खांडेकर मजदूरी करते हैं. मां दूसरों के घरों में झाड़ू-पोंछा करती है.

रात को स्ट्रीट लाइट में की पढ़ाई

भारती की जिंदगी भले ही फुटपाथ पर कट रही थी लेकिन उसने हौंसला नहीं छोड़ा. भारती ने पास ही अहिल्याश्रम स्कूल में दाखिला लिया था. उसने स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ाई की. भारती ने बताया कि, मैं देर रात तक पढ़ती रहती थी और सुबह भी जल्दी उठ जाती थी.

भारती का कहना है कि परीक्षा के दौरान उसने कभी भी पूरी नींद नहीं ली. क्योंकि वो जानती है कि गरीबी को हराने का एकमात्र हथियार बस कड़ी मेहनत है.

बाल आयोग ने लिया भारती का संज्ञान

जब परिणाम आया तो भारती सहित उसके माता-पिता को भी बहुत खुशी हुई. जिन परिस्थितियों में वे रह रहे थे, उसमें ऐसी सफलता काफी मायने रखती है. परीक्षा परिणाम आने के बाद बाल आयोग को भारती के बारे में पता चला. ये भी पता चला कि भारती बेघर है. इस मामले में संज्ञान लिया गया तब प्रशासन भी जागा.

इंदौर नगर निगम ने दिया है फ्लैट

अब इंदौर नगर निगम ने भारती के परिवार को घर दिया है. पीएम आवास योजना के तहत भूरी टेकरी में बना फ्लैट नंबर 307 भारती के परिवार को मिला है. केवल यही नहीं. प्रशासन ने एलान किया है कि भारती की आगे की शिक्षा मुफ्त होगी. भारती को किताब और कॉपियां भी प्रशासन ने मुहैया करवा दिया है.

भारती जिंदगी में आगे उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद प्रशासनिक अधिकारी बनना चाहती हैं. भारती की इच्छा प्रशासनिक अधिकारी बनने के बाद अपने जैसे बच्चों की मदद करने की है.

Posted By- Suraj Kumar Thakur

Exit mobile version