MP Political Crisis : अब भाजपा विधायकों में टूट ! मैहर विधायक नारयण त्रिपाठी पहुंचे सीएम हाउस
MP में जारी सियासी उठापटक के बीच Bjp से भी टूट की खबरें सामने आ रही है. कल विधानसभा स्थगित होने के बाद Bj[p राज्यपाल के पास अपने विधायकों को लेकर परेड करवाने गयी थी. खबर के मुताबिक इस परेड में भाजपा के एक विधायक नहीं पहुंचे. कहा जा रहा है कि ये मैहर विधायक Narayan Tripathi हैं.
भोपाल : मध्यप्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच भाजपा से भी टूट की खबरें सामने आ रही है. कल विधानसभा स्थगित होने के बाद भाजपा राज्यपाल के पास अपने विधायकों को लेकर परेड करवाने गयी थी. खबर के मुताबिक इस परेड में भाजपा के एक विधायक नहीं पहुंचे. कहा जा रहा है कि ये मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नारायण त्रिपाठी कल वोटिंग के लिए विधानसभा पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही विधानसभा स्थगित हुआ, वो गायब हो गये. बाद में भाजपा के कई नेताओं ने उनसे संपर्क साधा लेकिन त्रिपाठी नहीं मिले. बाद में वे कांग्रेस विधायक आरीफ मसूद के साथ नदर आये. हालांकि भाजपा इसके उलट दावा कर रही है.
भाजपा सूत्रों मे बताया कि नारायण त्रिपाठी पार्टी में ही हैं. वे वोट भाजपा के पक्ष में ही करेंगे. इसके अलावा वो किससे मिल रहे हैं और किसे नहीं इसपर पार्टी कोई बयान नहीं देगी.
क्यों लग रहा कयास- विधानसभा की कार्यवाही खत्म होने के बाद जहां भाजपा के सभी विधायक पार्टीा नेताओं के साथ चले गये. वहीं, मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी अपने गाड़ी से मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर पहुंचे. जहां वे कुछ देर सीएम से मिलने के बाद सीधे अपने आवास चले गये.
बाद में दी सफाई– सवाल उठने के बाद नारायण त्रिपाठी ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी. उन्होंने कहा कि मैं किसके साथ हूं यह वक्त आने पर पता चल जायेगा, मुझे अभी कुछ नहीं कहना है. राजनीति के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी मेरी मां का निधन हुआ है. में उसके बारे में सोच रहा हूं.
सीएम ने किया था दावा- मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विश्वासमत से पहले दावा किया था कि भाजपा के 6 विधायक उनके पक्ष में वोट करेंगे और उनकी सरकार 5 सालों तक चलेगी.
राज्य में सीटों का गणित- राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं, जिनमें से दो सीट विधायकों के निधन के कारण खाली है. वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है.अगर सभी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो, राज्य की विधानसभा में 206 विधायक बचेंगे. वहीं भाजपा के पास 106 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास सिर्फ 98 विधायक हैं.