सिविल सेवा मुख्य परीक्षा की तिथि बढ़ी, जानें वजह और एक्जाम की नई तारीख
निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के मद्देनजर परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता और सुरक्षा व्यवस्था की स्थितियों पर विचार के बाद राज्य सिविल सेवा मुख्य परीक्षा-2022 की तारीखों को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया.
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 30 अक्टूबर से शुरू होकर चार नवंबर तक चलने वाली वाली राज्य सिविल सेवा मुख्य परीक्षा-2022 दो महीने के लिए आगे बढ़ा दी गई है. अब यह परीक्षा 26 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर तक आयोजित होगी. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एमपीपीएससी के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) रवींद्र पंचभाई ने ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया, निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के मद्देनजर परीक्षा केंद्रों की उपलब्धता और सुरक्षा व्यवस्था की स्थितियों पर विचार के बाद हमने राज्य सिविल सेवा मुख्य परीक्षा-2022 की तारीखों को आगे बढ़ाने का निर्णय किया है. उन्होंने बताया कि राज्य सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा-2022 में सफल रहे 13,000 उम्मीदवार इसकी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे. पंचभाई ने कहा कि मुख्य परीक्षा आगे बढ़ने से उम्मीदवारों को इसकी तैयारी का अधिक समय मिल सकेगा.
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने नौ अक्टूबर को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था जिसके साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई थी. कार्यक्रम के मुताबिक सूबे की 230 विधानसभा सीट पर 17 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. इस बीच, जनजातीय युवाओं के संगठन ‘‘जय आदिवासी युवा शक्ति’’ (जयस) ने राज्य सरकार की भर्ती परीक्षाओं में कथित देरी के खिलाफ शहर में विद्यार्थियों का सम्मेलन आयोजित किया. जयस के राष्ट्रीय प्रचारक साहिब सिंह कलम ने कहा, यह प्रदेश सरकार की नीति बन गई है कि पहले सरकारी पदों पर भर्ती के विज्ञापन जारी किए जाते हैं और बाद में भर्ती प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है. उन्होंने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया रद्द किए जाने से गरीब परिवारों के कुछ उम्मीदवारों को आत्महत्या का कदम उठाने के लिए भी मजबूर होना पड़ा है.
सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे उम्मीदवार आकाश पाठक ने राज्य सिविल सेवा मुख्य परीक्षा आगे बढ़ाने के एमपीपीएससी के कदम का स्वागत किया. हालांकि, उन्होंने कहा कि एमपीपीएससी को इस भर्ती परीक्षा का मूल कार्यक्रम तय करने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए था कि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है.