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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पत्र से उलझन में सीएम ममता बनर्जी

भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत सात पड़ोसी राज्यों के सीएम को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने आग्रह किया था कि वे अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों की अग्रिम सूचना दें, ताकि उनके लिए उचित प्रबंध किया जा सके. यकायक प्रवासियों की भीड़ उमड़ जाने से परेशानी बढ़ जाती है. सीएम शिवराज सिंह ने ममता को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इंदौर में काफी संख्या में बंगाली मजदूर फंसे हैं. वे हर हाल में घर जाना चाहते हैं. ऐसे में वे ट्रेन की मांग कर उन्हें अपने गृह जिले भेजने का प्रबंध करें. इससे सीएम ममता बनर्जी उलझन में फंस गयी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2020 1:10 PM
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भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत सात पड़ोसी राज्यों के सीएम को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने आग्रह किया था कि वे अपने राज्य के प्रवासी मजदूरों की अग्रिम सूचना दें, ताकि उनके लिए उचित प्रबंध किया जा सके. यकायक प्रवासियों की भीड़ उमड़ जाने से परेशानी बढ़ जाती है. सीएम शिवराज सिंह ने ममता को लिखी चिट्ठी में कहा है कि इंदौर में काफी संख्या में बंगाली मजदूर फंसे हैं. वे हर हाल में घर जाना चाहते हैं. ऐसे में वे ट्रेन की मांग कर उन्हें अपने गृह जिले भेजने का प्रबंध करें. इससे सीएम ममता बनर्जी उलझन में फंस गयी हैं.

शिवराज के पत्र से पसोपेश में ममता

लॉकडाउन में राज्य से बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए रेलवे ट्रेनें चला रहा है. कई राज्यों के प्रवासी मजदूर अपने घर लौट आये हैं. इस बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गैर बीजेपी राज्यों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाती रही हैं. इसके लिए हमेशा केंद्र पर निशाना साधती रही हैं, लेकिन एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान की चिट्ठी से वह पसोपेश में हैं. आखिर वह कौन सा कदम उठाएं कि केंद्र को कोसती भी रहें और प्रवासी मजदूरों की अनदेखी का उन पर आरोप भी नहीं लगे.

बोले शिवराज, प्रवासियों के लिए करें ट्रेन की मांग

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में लिखा है कि इंदौर में काफी संख्या में बंगाली मजदूर हैं, जो अपने घर लौटना चाहते हैं, लेकिन हजारों किलोमीटर की दूरी के चलते वाहनों से जाना सुरक्षित नहीं है. इसलिए वे केंद्र सरकार से बातचीत कर ट्रेन से उन्हें अपने राज्य सुरक्षित ले जायें. इससे इन प्रवासी मजदूरों की पीड़ा कम होगी. वे ट्रेनों से आसानी से अपने घर लौट सकेंगे. इस पत्र से ममता उलझन में फंस गयी हैं कि आखिर कैसे हमेशा निशाने पर रखने वाले केंद्र से वह बात करें कि पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेनें चलायी जायें. इस बीच खामोशी से उन्हें प्रवासी मजदूरों की अनदेखी करने का आरोप लगने का डर भी सता रहा है. आपको बता दें कि मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर मनमानी करने, सभी को विश्वास में नहीं लेने समेत कई आरोप लगाए थे.

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