इंदौर : देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) से सबसे ज्यादा प्रभावित शहरों में शामिल मध्य प्रदेश Madhya Pradesh के इंदौर (Indore) में इस महामारी का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में एक महीने से भी कम समय में इस महामारी के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 915 पर पहुंच गया है, जबकि इनकी मृत्यु दर (Coronavirus Death) राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है. अब तक 52 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. इस बीच हालात की समीक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजी गयी एक टीम ने स्थानीय प्रशासन को लॉकडाउन को सख्ती से लागू कराने के निर्देश दिये हैं.
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इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान जिले के 18 और लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके बाद जिले में इनकी कुल संख्या 897 से बढ़कर 915 पर पहुंच गयी है. उन्होंने बताया कि जिले में कोविड-19 से संक्रमित 52 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि इस महामारी के 71 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है. जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर मंगलवार सुबह तक 5.68 प्रतिशत थी. इस महामारी के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा बनी हुई है.
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कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हालात की समीक्षा के मकसद से केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम को इंदौर भेजा है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि केंद्रीय दल ने जिले में इस महामारी के प्रकोप से निपटने के लिए अलग-अलग सरकारी विभागों के समन्वित प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया है. इसके साथ ही, स्थानीय प्रशासन से कहा है कि वह जिले में लागू कर्फ्यू का सख्ती से पालन सुनिश्चित करायें. केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि इंदौर देश के उन स्थानों में शामिल है, जहां कोविड-19 को लेकर हालात विशेष रूप से गंभीर हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस के और फैलने का खतरा है.
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इंदौर को सूबे की आर्थिक और वाणिज्यिक राजधानी कहा जाता है, लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण तमाम उद्योग-धंधे ठप हैं. अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि इंदौर में आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य उद्यमों के दफ्तर फिलहाल नहीं खुलेंगे और सामान्य आर्थिक, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बहाल करने की अनुमति अभी नहीं दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिये हैं कि इंदौर के आस-पास संचालित होने वाले उद्योगों में इस शहर से फिलहाल कोई भी मजदूर और अन्य कर्मचारी काम नहीं करेंगे
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