कोरोना वायरस : इंदौर में दो सगे भाइयों समेत आठ मरीजों की मौत, दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार को दी यह सलाह
इंदौर : देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर में दो सगे भाइयों समेत आठ और मरीजों की इस महामारी से मौत की जानकारी दी गयी है. इसके बाद इस महामारी से मरने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 47 पर पहुंच गयी.
इंदौर : देश में कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले इंदौर (Indore) में दो सगे भाइयों समेत आठ और मरीजों की इस महामारी से मौत की जानकारी दी गयी है. इसके बाद इस महामारी से मरने वाले लोगों की तादाद बढ़कर 47 पर पहुंच गयी.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (Chief Medical Health Officer) प्रवीण जड़िया ने बताया कि 52 से लेकर 80 वर्ष तक की उम्र के आठ मरीजों ने शहर के अलग-अलग अस्पतालों में पिछले आठ दिनों के दौरान दम तोड़ा.
उन्होंने बताया कि कोविड-19 से पांच मरीजों की मौत बृहस्पतिवार को हुई, जिनमें 63 वर्ष और 52 वर्ष की उम्र के दो सगे भाई शामिल हैं. तीन अन्य लोगों की जांच रिपोर्ट उनकी मौत के बाद आयी जिसमें वे इस महामारी से संक्रमित पाये गये.
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अधिकारियों के मुताबिक, अब तक जिले में इस महामारी के 40 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ पाये जाने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है. कोरोना वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से इंदौर की शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है.
इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस से निबटने में लगे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर दबाव कम करने के लिए प्रदेश के 15,000 प्रशिक्षित स्वास्थ्य जन रक्षकों की सेवाएं लेने का सुझाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को दिया है.
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में श्री सिंह ने कहा, ‘रतलाम, उज्जैन और शाजापुर के जिला प्रशासन ने डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव कर करने के लिए प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षकों की सेवाएं ली हैं. यह जिला अधिकारियों का एक सराहनीय कदम है.’
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 15,000 प्रशिक्षित जन स्वास्थ्य रक्षक उपलब्ध हैं. इन जिलों की तरह अन्य जिलों में भी ऐसे जन स्वास्थ्य रक्षकों की सेवाएं ली जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये जन स्वास्थ्य रक्षक कोरोना वायरस बीमारी के बारे में ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभायेंगे और उनकी सेवाओं को दैनिक या मासिक आधार पर लिया जा सकता है.