भोपाल : कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर जेलों में भीड़ कम करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार विचाराधीन कैदियों को 45 दिन की अंतरिम जमानत देकर जल्द ही रिहा कर सकती है.
इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सभी जेल अधीक्षकों से कहा है कि वे पांच वर्ष तक की सजा के प्रावधान वाले आपराधिक प्रकरणों में निरुद्ध विचाराधीन बंदियों के अंतरिम जमानत के लिए आवेदन तत्काल संबंधित न्यायालय को प्रेषित करें. इसके अलावा, उनसे कहा गया है कि वे इसकी जानकारी भोपाल स्थित मध्यप्रदेश के जेल मुख्यालय को भी भेजें.
मालूम हो कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर इस सप्ताह के शुरू में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे उच्चस्तरीय समितियों का गठन कर जेलों में भीड़ कम करने के लिए 7 साल की जेल की अवधि के वाले कैदियों और विचाराधीन कैदियों को पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा करने पर विचार करे.
मध्यप्रदेश जेल विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस आदेश के अनुपालन में 26 मार्च को हुई बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया है. एक जेल अधिकारी ने बताया कि जेल अधिकारी पैरोल या अंतरिम जमानत पर रिहा होने वाले कैदियों से आवेदन लेकर उन्हें जिला अदालतों में प्रेषित करेंगे.
उन्होंने कहा कि आदेश में सभी जेल अधीक्षकों से चार दिन के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है.आदेश में कहा गया था कि अंतरिम जमानत की अवधि 45 दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए.
पिछले साल जुलाई में राज्य विधानसभा में पेश किये गये आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश की जेलों में 28,601 कैदी रखने की क्षमता है, जबकि 42,057 कैदी हैं . प्रदेश में 125 जेल हैं. मध्यप्रदेश में अब तक 34 कोरोनावायरस के मरीज मिल चुके हैं. इनमें से दो की मौत हो चुकी है.