17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कमलनाथ सरकार के चलते मध्यप्रदेश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़े, भाजपा नेता का आरोप

covid19 cases in madhya pradesh: भोपाल/नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक शीर्ष नेता एवं मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य कार्यबल के संयोजक ने दावा किया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अत्यधिक तेजी से इसलिए बढ़े कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तबलीगी जमात के सदस्यों की जांच नहीं करायी. कांग्रेस की सरकार महामारी के शुरुआती दिनों में फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन करने में व्यस्त रही.

covid19 cases in madhya pradesh: भोपाल/नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक शीर्ष नेता एवं मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य कार्यबल के संयोजक ने दावा किया है कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले अत्यधिक तेजी से इसलिए बढ़े कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तबलीगी जमात के सदस्यों की जांच नहीं करायी. कांग्रेस की सरकार महामारी के शुरुआती दिनों में फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन करने में व्यस्त रही.

Also Read: पंजाब के लुधियाना के बाद मध्यप्रदेश के इंदौर में कोरोना वायरस से पुलिस अधिकारी की मौत

मध्यप्रदेश भाजपा प्रमुख वीडी शर्मा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फौरन ही अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार इसलिए नहीं किया कि प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता महामारी से निबटने और किसी अन्य मुद्दे पर समय बर्बाद नहीं करने की थी.

गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस मुद्दे पर भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा था कि वह (भाजपा) राज्य के लोगों को बेवकूफ बना रही है, जहां महामारी के दौरान न तो मंत्रिमंडल है, न ही कोई स्वास्थ्य मंत्री है. पूर्व मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए शर्मा ने कहा कि तत्कालीन कमलनाथ नीत सरकार ने तबलीगी जमात के लोगों को राज्य में प्रवेश करने दिया और उनकी कोविड-19 संक्रमण की जांच नहीं करायी.

Also Read: कोरोना वायरस : इंदौर में दो सगे भाइयों समेत आठ मरीजों की मौत, दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार को दी यह सलाह

उन्होंने कहा कि वह इसकी जांच करेंगे और इसका भी पता लगायेंगे कि क्या किसी रोहिंग्या को जमात के सदस्यों के साथ राज्य में प्रवेश करने दिया गया. भाजपा नेता ने कहा, ‘हमें संदेह है कि रोहिंग्या शरणार्थियों ने तबलीगी जमात के सदस्यों की मदद से भोपाल और इंदौर में प्रवेश किया होगा.’ उन्होंने कहा कि कार्यबल ने शुक्रवार को यह फैसला लिया कि इसकी जांच करायी जायेगी. उन्होंने दावा किया कि राज्य में स्थिति अभी नियंत्रण में है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मार्च महीने में तबलीगी जमात के एक धार्मिक कार्यक्रम में देश-विदेश से हजारों लोग शामिल हुए थे. बाद में, यह इलाका कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा ‘हॉटस्पाट’ (अत्यधिक संक्रमण वाला स्थान) बन कर उभरा. साथ ही, इन लोगों में से कई के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की भी पुष्टि हुई.

Also Read: इंदौर में कोरोना वायरस के छह मरीज समेत आठ लोग क्वारेंटाइन सेंटर से भागे, बिहार और राजस्थान के तीन को पुलिस ने दबोचा

शर्मा ने कहा, ‘मैं यह आरोप लगा रहा हूं कि तबलीगी जमात के सदस्यों के डर के चलते आपने अनधिकृत रूप से उनकी मदद की.’ राज्य के स्वास्थ्य कार्यबल के संयोजक बनाये गये शर्मा ने दावा किया, ‘आपने उन्हें (राज्य में) प्रवेश करने दिया और उन्हें ठहरने की इजाजत दी तथा उनकी कोई मेडिकल जांच नहीं करायी.’

पूर्ववर्ती कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार विधानसभा में बहुमत खो देने के बाद 20 मार्च को सत्ता से बाहर हो गयी थी, जिसके बाद भाजपा के शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन उन्होंने अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं किया. खजुराहो से भाजपा सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रिमंडल में विस्तार करने के बजाय कोरोना वायरस महामारी से निबटने को प्राथमिकता दी.

Also Read: कोरोना वायरस: मध्यप्रदेश में हो सकती है वेंटिलेटर एवं आईसीयू बेड की भारी कमी

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्रदेश में अब तक संक्रमण के 1400 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. 71 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें केवल इंदौर में ही 892 मामले सामने आये और वहां 49 लोगों की मौत हुई. शर्मा ने यह आरोप भी लगाया कि मध्य भारत के इस राज्य में कोविड-19 मामलों की अधिक संख्या के लिए एक अन्य कारण यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने इंदौर के पूरे प्रशासनिक एवं पुलिस तंत्र को अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी पुरस्कार (आइफा) समारोह सुगमता से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.

उन्होंने कहा कि इसके दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम का न सिर्फ इंदौर को, बल्कि समूचे मध्यप्रदेश को सामना करना पड़ रहा है. इंदौर देश में कोरोना वायरस संक्रमण से बुरी तरह से प्रभावित शहरों में शामिल है. शर्मा ने आरोप लगाया कि इंदौर में संक्रमण के 890 मामलों में लगभग 600 से ज्यादा मामले तबलीगी जमात से संबद्ध हैं.

Also Read: कोविड-19 से जूझ रहे इंदौर के कुछ कब्रिस्तानों में जनाजों की तादाद बढ़ने पर उठे सवाल

आइफा फिल्म समारोह मार्च में इंदौर में होना था, जिसका एक सत्र भोपाल में भी होना था. शर्मा ने कमलनाथ से सवाल किया, ‘भोपाल में भी, आपने देखा कि क्या हुआ. चिकित्सकों, पुलिसकर्मियों पर हमले किये गये.’ उन्होंने आरोप लगाया कि कमलनाथ नीत सरकार ने राज्य में कोविड19 से जुड़ा कोई चिकित्सा केंद्र नहीं बनाया.

Also Read: शिवराज ने बॉलीवुड अवार्ड शो के 700 करोड़ कोरोना रिलीफ फंड में दिये, कमलनाथ को ट्रोल कर रहे users

यह पूछे जाने पर कि राज्य की राजधानी भोपाल में इतनी अधिक संख्या में स्वास्थ्यकर्मी और पुलिस प्रशासन के अधिकारी संक्रमित क्यों हुए हैं, शर्मा ने कहा कि यह इसलिए हुआ कि वे लोग संक्रमण के संदिग्ध लोगों और मरीजों का पता लगाने के लिए जोर-शोर से काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि चार आईएएस अधिकारी और कुछ चिकित्सकों सहित मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग के करीब 89 कर्मी संक्रमित पाये गये हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें