MP News: 3,419 करोड़ रुपए का आया बिजली बिल, पिता और बेटी का बढ़ा BP, अस्पताल में भर्ती, जानिए पूरा मामला

MP News: संजीव कनकने को बिजली विभाग की तरफ से करोड़ों का बिजली बिल आया है. मध्य प्रदेश की सरकारी बिजली कंपनी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की तरफ से थमाये गये बिल को देखकर कनकने के पांवों के नीचे जमीन खिसक गई. उनके पिता की तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल तक जाना पड़ा.

By Agency | July 26, 2022 10:38 PM
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MP News: क्या आप हर महीने बिजली बिल भरते है. अगर हां तो आपके पास कितना बिल आता है… ये सवाल आज इसलिए खास है क्योंकि, मध्य प्रदेश में रहने वाले एक शख्स के पास बिजली विभाग ने 3 हजार 4 सौ 19 करोड़ रुपए का बिजली बिल भेजा है. इतनी भारी भरकम बिजली बिल आने के बाद उस शख्स की हालत खराब हो गई है, वो बीमार हो गया है.

मामला ग्वालियर के शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले संजीव कनकने का है. संजीव कनकने को बिजली विभाग की तरफ से करोड़ों का बिजली बिल आया है. मध्य प्रदेश की सरकारी बिजली कंपनी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की तरफ से थमाये गये बिल को देखकर कनकने के पांवों के नीचे जमीन खिसक गई. उनके पिता की तबीयत इतनी खराब हो गई कि उन्हें अस्पताल तक जाना पड़ा.

बिजली विभाग ने मानी गलती: हालांकि, जैसे ही बिजली कंपनी को यह जानकारी मिली, उसने तत्काल बिल में सुधार किया और इसे मानवीय भूल बताया. इस बारे में ग्वालियर की शिव विहार कॉलोनी के निवासी संजीव कनकने ने बताया, ‘‘इस बार उनका बिजली बिल 3,419 करोड़ रुपए का आया. यह देखकर उनकी पत्नी परेशान हो गई और पिता की तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.

भूल का किया गया सुधार: बिजली कंपनी के पोर्टल पर ऑनलाइन देखा तो यही धनराशि बता रहा था. उन्होंने कहा कि जब बिजली कंपनी के अधिकारियों से संपर्क किया तो वे भी हैरान रह गए, लेकिन बाद में बिल में सुधार कर दिया. वहीं, बिजली कंपनी के महाप्रबंधक नितिन मांगलिक ने बताया, ‘‘यह एक मानवीय भूल है.

बिजली कर्मचारी पर हो सकती है कार्रवाई: दरअसल उपभोक्ता के सर्विस क्रमांक को खपत की गई यूनिट के स्थान पर डाल दिया गया और सॉफ्टवेयर ने उसी हिसाब से बिल बना दिया। यह गलती संज्ञान में आते ही तुरंत बिल को सही किया गया और अब उसका करीब 1,300 रुपए की धनराशि का बिल आया है.” पूरे मामले में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि गलती को तुरंत सुधारा गया और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.

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