मध्य प्रदेश का अगला सीएम कौन होगा ? इस सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं. इस बीच इवीएम को लेकर कांग्रेस के द्वारा उठाए गये सवाल पर बीजेपी का जवाब आया है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे… EVM की गड़बड़ी थी तो कांग्रेस के लोग छिंदवाड़ा में कैसे जीत गए? कर्नाटक में कैसे जीत गए? हिमाचल में कैसे जीत गए? वे तो पहले से ही कहने लगे थे इस संबंध में…उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि पता चल गया था कि अब हारेंगे तो EVM, EVM, EVM का राग अलापेंगे. EVM नहीं उनका अहंकार हारा है… जनता ने उनको नकारा है.
#WATCH | Guna: On Opposition leaders questioning EVMs, Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan says, " …If there was an issue with EVM, how did they (Congress) win in Chhindwara and how did they win in Karnataka and Himachal Pradesh?…it's not EVM, their arrogance lost. They… pic.twitter.com/TTOGegtpC7
— ANI (@ANI) December 8, 2023
आपको बता दें मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में मिली पराजय के बाद कांग्रेस ने अपनी हार का ठिकरा EVM पर फोड़ा था. दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने हार के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी थी. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज वेबसाइट की कटिंग शेयर करते हुए लिखा- चिप वाली किसी भी मशीन को हैक किया जा सकता है. मैंने 2003 से ईवीएम द्वारा मतदान का विरोध किया है. क्या हम अपने भारतीय लोकतंत्र को पेशेवर हैकरों के नियंत्रण से बचा सकते हैं. आगे उन्होंने लिखा कि यह मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान सभी राजनीतिक दलों को करना होगा. माननीय चुनाव आयोग और माननीय सर्वोच्च न्यायालय क्या आप कृपया हमारे भारतीय लोकतंत्र की रक्षा करेंगे?
यहां चर्चा कर दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की शानदार जीत के नायक बनकर उभरे हैं. इसके बाद वे लगातार कांग्रेस पर हमलावर हैं. 64 वर्षीय नेता ने सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए ‘लाडली बहना’ जैसी गेम-चेंजर योजना शुरू करके मध्यप्रदेश में बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की. हालांकि, उनकी पार्टी ने पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में उन्हें मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश नहीं किया. इस चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 163 पर जीत हासिल की. वहीं, कांग्रेस पार्टी को महज 66 सीटों से संतोष करना पड़ा.