खुशखबरी! कूनो में आये नन्हें मेहमान, तीन शावकों की किलकारी से गूंजा जंगल, देखिए वीडियो
तीन नन्हें शावकों की किलकारी से पूरा कूनो गूंज रहा है. नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव ने इसे प्रोजेक्ट चीता के लिए बड़ी सफलता बताया है.
नये साल के मौके पर कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता को बड़ी कामयाबी मिली है. कूनो में तीन शावकों का जन्म हुआ है. अफ्रीकी देश नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है. केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज यानी बुधवार को यह जानकारी दी. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया कि, जंगल में शावकों की आवाज गूंजी. यह जानकारी साझा कर खुशी हो रही है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान तीन नए सदस्यों का स्वागत कर रहा है. शावकों को नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने जन्म दिया है.
प्रोजेक्ट चीता को बड़ी सफलता
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर लिखा कि यह प्रोजेक्ट चीता की बड़ी सफलता है. उन्होंने लिखा कि यह परियोजना चीता की शानदार सफलता है जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारिस्थितिकी संतुलन बहाल करने के लिए की थी. इस दौरान उन्होंने परियोजना से जुड़े सभी विशेषज्ञों, कूनो राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों और पूरे देश के वन्यजीव प्रेमियों को शुभकामनाएं दी.
Purrs in the wild!
Thrilled to share that Kuno National Park has welcomed three new members. The cubs have been born to Namibian Cheetah Aasha.
This is a roaring success for Project Cheetah, envisioned by PM Shri @narendramodi ji to restore ecological balance.
My big congrats… pic.twitter.com/c1fXvVJN4C
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 3, 2024
ज्वाला के शावकों की हो गई थी मौत
गौरतलब है कि इससे पहले कूनो नेशनल पार्क में बीते साल मार्च महीने में मादा चीता सियाया ने भी चार शावकों को जन्म दिया था. हालांकि दुर्भाग्य वश उसके तीन शावकों की मौत हो गई. सिर्फ एक ही शावक जिंदा बच पाया था. ज्वाला को भी नामीबिया से लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाया गया था.
कूनो में अब कितने चीते
कूनो नेशनल पार्क में फिलहाल 14 वयस्क चीते हैं, जिनमें 7 नर चीते हैं और सात माता चीता हैं. वहीं, चार शावक चीते कूनो में हैं. नर चीतों के नाम प्रभाष, शौर्य, गौरव, वायु, अग्नि, पवन और पावक हैं. वहीं मादा चीतों में आशा, नाभा, गामिनी, धीरा, निरवा, ज्वाला और वीरा हैं. अधिकांश चीतों को फिलहाल बाड़े में ही रखा गया है.