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अच्छी खबर : 4 साल की बच्ची समेत 150 से अधिक लोगों ने घर पर ही कोरोना को दी मात

इंदौर जिले के कंटेनमेंट जोन में रहने वाली 4 साल की बच्ची समेत 153 कोरोना संक्रमितों ने अपने घर पर ही इलाज कर कोरोना को मात दी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 4,329 मरीज मिले हैं, जिनमें से 197 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,185 लोग इलाज के बाद स्वस्थ भी हुए हैं.

इंदौर : इंदौर जिले के कंटेनमेंट जोन में रहने वाली 4 साल की बच्ची समेत 153 कोरोना संक्रमितों ने अपने घर पर ही इलाज कर कोरोना को मात दी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 4,329 मरीज मिले हैं, जिनमें से 197 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3,185 लोग इलाज के बाद स्वस्थ भी हुए हैं. इनमें होम कोरेंटिन में रह कर इलाज करा रहे कोरोना संक्रमित भी शामिल हैं.

स्वस्थ होकर अपने घर में अन्य बच्चों की तरह खेलकूद कर रही 4 साल की बच्ची के पिता ने कहा कि जिस वक्त बेटी को कोरोना संक्रमित होने की सूचना मिली, वह हमारे लिए एक झटके की तरह था. हम समझ नहीं पा रहे थे कि यह कैसे हो गया, क्योंकि जांच में हमारे परिवार के अन्य लोगों में संक्रमण नहीं मिला था. बेटी में भी संक्रमण के कोई लक्षण नहीं थे. लेकिन, रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पूरा परिवार सदमे में आ गया. इस दौरान घर पर ही बेटी का इलाज करने का निर्णय आज सफल साबित हुआ. अपने घर में इलाज के बाद अब वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है.

स्वास्थ्य विभाग के गृह पृथक-वास कार्यक्रम (Home isolation program) के समन्वयक डॉ सुनील गंगराड़े ने कहा कि जिले में 5 मई, 2020 से लेकर अब तक कोविड-19 के बिना लक्षणों वाले और हल्के लक्षणों वाले कुल 254 मरीजों का उनके घर में ही इलाज किया गया है. होम कोरेंटिन की 17 दिन की तय अवधि पूरी होने के बाद इनमें से 153 मरीजों को जांच के बाद स्वस्थ घोषित कर दिया गया है, जिनमें चार साल की बच्ची से लेकर 78 साल की वृद्ध महिला शामिल हैं. अन्य 101 मरीजों का उनके घर में इलाज जारी है.

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अपने घर में कोविड-19 का इलाज कराते हुए इस संकट से बाहर आने में इंदौर नगर निगम का ‘इंदौर 311’ मोबाइल ऐप मरीजों के लिए काफी मददगार साबित हुआ है. हालांकि, यह एप जिले में कोविड-19 के प्रकोप से पहले से प्रचलित है, लेकिन भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अप्रैल के अंत में इस महामारी के मरीजों के होम कोरेंटिन के लिए दिशानिर्देश जारी किये जाने के बाद स्थानीय प्रशासन ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की विशेषज्ञ टीम की मदद से इस ऐप में नये फीचर जोड़े हैं.

इस टीम में शामिल तकनीकी जानकार डॉ सुबोध चतुर्वेदी ने बताया कि होम कोरेंटिन वाले मरीजों की सेहत की अद्यतन जानकारी मोबाइल ऐप के जरिये कोविड-19 के स्थानीय नियंत्रण कक्ष तक उसी समय (रियल टाइम में) पहुंच रही है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 का घर में रहकर इलाज करा रहे मरीजों को पल्स ऑक्सीमीटर नामक उपकरण भी दिया जा रहा है. इस छोटे-से उपकरण के जरिये मरीज के शरीर में ऑक्सीजन का स्तर और उसकी नब्ज की घर में ही जांच की जा रही है.

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चतुर्वेदी ने बताया कि पहले से तैयार प्रश्नावली के मुताबिक मरीज का केयरगिवर (तीमारदार) मोबाइल ऐप में हर रोज यह जानकारी भी दर्ज करता है कि कहीं उसे 101 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा बुखार या सांस लेने में तकलीफ तो नहीं है? कोविड-19 के नियंत्रण कक्ष में तैनात डॉक्टर इस महामारी के मरीजों की सेहत के सूचकांकों को लेकर ऐप में दर्ज जानकारी पर लगातार नजर रख रहे हैं और इसके मुताबिक उन्हें उचित परामर्श दे रहे हैं. जरूरत पड़ने पर त्वरित प्रतिक्रिया दल (आरआरटी) मरीजों को उनके घरों से अस्पताल भिजवा रहे हैं.

Posted By : Samir ranjan.

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