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मध्यप्रदेश में ‘होटल डिप्लोमेसी’ ने लोकतंत्र को पराजित कर दिया : कांग्रेस

hotel diplomacy defeated democracy in madhya pradesh says congress after demise of kamal nath government, मध्यप्रदेश में ‘होटल डिप्लोमेसी’ ने लोकतंत्र को पराजित कर दिया : कांग्रेस, भोपाल/नयी दिल्ली : मध्यप्रदेश में कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र को ‘होटल डिप्लोमेसी’ ने पराजित कर दिया है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा, ‘आज लोकतंत्र को होटल डिप्लोमेसी ने पराजित कर दिया.’ madhya pradesh, hotel diplomacy, democracy, congress, demise of kamal nath government, mp crisis, abhishek manu singhvi, ashok gehlot, supreme court, speaker of mp vidhan sabha, jyotiraditya scindia, bjp, bharatiya janata party, mp floor test, shivraj singh chouhan

By Mithilesh Jha | March 21, 2020 8:56 AM

भोपाल/नयी दिल्ली : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कमलनाथ (Kamal Nath) के मुख्यमंत्री (Chief Minister) पद से इस्तीफे (Resignation) के बाद कांग्रेस (Congress) ने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र (Democracy) को ‘होटल डिप्लोमेसी’ (Hotel Diplomacy) ने पराजित कर दिया है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने ट्वीट कर कहा, ‘आज लोकतंत्र को होटल डिप्लोमेसी ने पराजित कर दिया’ (Today Hotel Diplomacy Defeated Democracy).

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, सांसद, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता, कानून पर संसदीय कमेटी के पूर्व चेयरमैन, जाने-माने वकील और पूर्व एडीशनल सॉलिसिटर जनरल रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मध्यप्रदेश का कमल, धनबल, बाहुबल, दिन-दहाड़े विधायकों के अपहरण जैसे कीचड़ से निकला है. कमलनाथ सरकार, मध्यप्रदेश, कमलनाथ रिजाइंस और शिवराज सिंह चौहान हैशटैग के साथ उन्होंने यह ट्वीट किया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘हमने मध्यप्रदेश में जो देखा है, वो लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या है. सत्ता की भूख में चुनी हुई सरकारों को गिराना भाजपा की आदत बन गयी है.’ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार दोपहर दो बजे होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को सौंप दिया.

इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है. ज्योतिरादित्या सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के 11 मार्च को विधायक के पद से अपना त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ. इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने तुरंत स्वीकार कर लिये थे, जबकि 16 बागी विधायकों के इस्तीफे गुरुवार देर रात को मंजूर हुए थे. इससे कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गयी थी.

अब मध्यप्रदेश में नयी सरकार की ताजपोशी की तैयारी शुरू हो गयी है. यह तय हो गया है कि अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी. लेकिन, अभी तक यह निश्चित नहीं हुआ है कि भारतीय जनता पार्टी अगला मुख्यमंत्री किसे बनायेगी. शिवराज सिंह चौहान, जिन्होंने लगातार 15 साल तक प्रदेश में शासन किया है, उन्हें एक बार फिर मध्यप्रदेश की कमान सौंपी जायेगी या किसी नये नेता को यह जिम्मेदारी दी जायेगी.

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