ग्वालियर में अब इस हाल में है स्कूटर से 1300 किमी का सफर तय करने वाला गोड्डा का आदिवासी दंपती

कोरोना महामारी के कारण जब ट्रेन और बस सहित यात्रा के साधन उपलब्ध नहीं हैं, तो झारखंड के रहने वाले एक युवक को अपनी गर्भवती पत्नी को स्कूटर पर बिठाकर करीब 1,300 किलोमीटर का सफर तय करके डी एलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) की परीक्षा दिलाने ग्वालियर जाना पड़ा. जब इस दंपती का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, तो सरकार भी मदद करने के लिए आगे आयी और ग्वालियर जिला प्रशासन ने तुरंत आर्थिक सहायता देते हुए इस आदिवासी दंपती को सुरक्षित वापस झारखंड पहुंचाने की पेशकश की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2020 5:09 PM

रांची/ग्वालियर : कोरोना महामारी के कारण जब ट्रेन और बस सहित यात्रा के साधन उपलब्ध नहीं हैं, तो झारखंड के रहने वाले एक युवक को अपनी गर्भवती पत्नी को स्कूटर पर बिठाकर करीब 1,300 किलोमीटर का सफर तय करके डी एलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) की परीक्षा दिलाने ग्वालियर जाना पड़ा. जब इस दंपती का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ, तो सरकार भी मदद करने के लिए आगे आयी और ग्वालियर जिला प्रशासन ने तुरंत आर्थिक सहायता देते हुए इस आदिवासी दंपती को सुरक्षित वापस झारखंड पहुंचाने की पेशकश की है.

झारखंड के गोड्डा जिला के गंटा टोला गांव के निवासी धनंजय कुमार (27) अपनी छह माह की गर्भवती पत्नी सोनी हेम्ब्रम (22) को स्कूटर पर बिठाकर डीएलएड (दूसरा वर्ष) की परीक्षा दिलाने ग्वालियर पहुंच गये. इस बारे में धनंजय ने बताया कि कोरोना के कारण बसें और ट्रेनें बंद थी. ऊपर से पत्नी सोनी को छह महीने का गर्भ था, लेकिन उन्होंने स्कूटर से ही यात्रा करने की ठान ली.

हालांकि, पत्नी सोनी ने पहले मना किया, लेकिन बाद में हव भी तैयार हो गयी. धनंजय ने बताया कि टैक्सी से वे ग्वालियर आते, तो करीब 30 हजार रुपये खर्च हो जाते. इतने पैसे उनके पास नहीं थे. उन्होंने कहा कि अभी भी जेवर गिरवी रखकर 10 हजार रुपये का इंतजाम किया और तीन दिन की यात्रा करके ग्वालियर पहुंच गये. करीब पांच हजार रुपये एक ओर की यात्रा में ही खर्च हो गये.

Also Read: Coronavirus Update Jharkhand : गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने 1300 किमी स्कूटी चलाकर गोड्डा से ग्वालियर पहुंचा धनंजय मांझी

धनंजय और सोनी ने बताया कि रास्ते में उन्हें बहुत तकलीफ हुई. खासतौर से बिहार में, क्योंकि वहां बारिश के पानी के अलावा कुछ नहीं है. रास्ते में गड्ढे में स्कूटर गया, तो सोनी को भी तकलीफ हुई, लेकिन धीरे-धीरे स्कूटर चलाकर मुजफ्फरपुर और लखनऊ में रात बिताते हुए 30 अगस्त को वे ग्वालियर पहुंच गये. गोड्डा से 28 अगस्त को तड़के उन्होंने सफर शुरू किया था.

इस दंपती ने बताया कि अब यदि किसी की मदद नहीं मिली, तो वे जैसे आये थे, वैसे ही स्कूटर से वापस अपने गांव लौटेंगे. धनंजय ने बताया कि ग्वालियर के दीनदयाल नगर में उन्होंने 15 दिन के लिए 1500 रुपये में किराये पर एक कमरा लिया है. यहां पद्मा गर्ल्स स्कूल में परीक्षा केंद्र है. पत्नी की परीक्षा 11 सितंबर तक चलेगी.

झारखंड में शिक्षक भर्ती में आवेदन करेगी सोनी

सोनी ने बताया कि झारखंड में शिक्षकों की भर्ती होगी, वह भी आवेदन करेगी, और उम्मीद है कि उसका चयन भी हो जायेगा. उधर, झारखंड के इस दंपती का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ग्वालियर प्रशासन हरकत में आया. ग्वालियर कलेक्टर ने महिला सशक्तीकरण अधिकारी शालीन शर्मा को तुरंत इस दंपती के पास भेजा.

Also Read: Health News: नयी चिकित्सा पद्धति से एक दिन में कालाजार का इलाज, झारखंड के इन 4 जिलों में शुरू हुआ कालाजार उन्मूलन अभियान
कल होगा सोनी का अल्ट्रासाउंड

शर्मा ने बताया कि फिलहाल रेड क्रॉस की ओर से दंपती को पांच हजार रुपये दिये गये हैं. इसके साथ वापस सुरक्षित उनके गांव भेजने का प्रस्ताव भी दिया है. इसके अलावा उनके भोजन और जहां वे रुके हुए हैं, उसकी धनराशि भी प्रशासन देगा. उन्होंने बताया, चूंकि धनंजय की पत्नी गर्भवती है, इसलिए उनका ध्यान रखा जा रहा है. फिलहाल लगातार परीक्षाएं हैं, लेकिन रविवार को उनकी पत्नी का स्वास्थ्य परीक्षण और अल्ट्रासाउंड कराया जायेगा.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version