Loading election data...

‘जोरु का गुलाम बनकर रहूंगा’, 108 बार लिखने पर बची शादी

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एक फैमिली कोर्ट में 108 बार ‘मैं जोरू का गुलाम बनकर रहूंगा’ लिख कर देने के बाद युवक की शादी बची. फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने सोमवार को बताया कि मुंबई में नौकरी करने वाले भोपाल के एक युवक और युवती की यहां सगाई हुई. सगाई के बाद मंगेतर ने अपने होने वाले पति को मजाक में एक वीडियो भेजा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 26, 2020 12:40 AM

भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एक फैमिली कोर्ट में 108 बार ‘मैं जोरू का गुलाम बनकर रहूंगा’ लिख कर देने के बाद युवक की शादी बची. फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने सोमवार को बताया कि मुंबई में नौकरी करने वाले भोपाल के एक युवक और युवती की यहां सगाई हुई. सगाई के बाद मंगेतर ने अपने होने वाले पति को मजाक में एक वीडियो भेजा. वीडियो में लॉकडाउन में पति बर्तन साफ कर रहा है और पत्नी की इशारों पर नाच रहा है. वीडियो के साथ ही मंगेतर ने लिखा कि शादी के बाद तुम पर भी यही लागू होगा. राजानी ने बताया कि वीडियो देख युवक ने जवाब दिया कि वह इस श्रेणी में नहीं है. ऐसे लोगों की अलग श्रेणी होती है.

उन्होंने बताया कि यह जवाब युवती को नागवार गुजरा और पहले दोनों के बीच अनबन हुई और फिर लड़की ने दो मई, 2020 को सगाई तोड़ दी. उन्होंने बताया कि परिवार के लोग इस पर हैरान हुए और लड़की को मनाने की कोशिशें शुरू हुईं लेकिन वह जिद पर अड़ी रही. इसके बाद लड़के के परिजन फैमिली कोर्ट पहुंचे. वहां चार दिन तक युवक और युवती दोनों की काउंसलिंग की गयी और युवती उसी युवक से शादी करने के लिए मान गयी. राजानी ने बताया कि उन्हें दोनों को समझाने में चार दिन लगे.

लड़के ने कहा कि छोटी सी बात पर उसकी मंगेतर इतना बुरा मान जायेगी, उसे नहीं पता था. युवक ने न सिर्फ सबसे सामने युवती से माफी मांगी बल्कि 108 बार लिखकर दिया कि ‘मैं जोरु का गुलाम बनकर रहूंगा’. युवक ने मंगेतर को यह भी लिखकर दिया कि वह उससे बहुत प्यार करता है. 20 मई को थी शादी, अब 10 जून को होगीकाउंसलर ने बताया कि इसके बाद दोनों की बीच बात बन गयी और अब दोनों की 10 जून को शादी तय हो गयी है. दोनों की शादी 20 मई को होनी थी. राजानी ने बताया कि लड़का और लड़की दोनों मुंबई में एक निजी कंपनी में एक्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत है.

Next Article

Exit mobile version