MP सत्ता का संघर्ष : कांग्रेस को एक और झटका, कर्नाटक HC ने दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज की

मध्‍यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस को एक के बाद एक झटका लग रहा है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु में रह रहे मध्य प्रदेश के विधायकों से मुलाकात की मांग वाली दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज कर दिया है.

By ArbindKumar Mishra | March 18, 2020 6:05 PM
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भोपाल : मध्‍यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छटने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस को एक के बाद एक झटका लग रहा है. कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु में रह रहे मध्य प्रदेश के विधायकों से मुलाकात की मांग वाली दिग्विजय सिंह की याचिका खारिज कर दिया है.

मालूम हो बेंगलुरु में बुधवार की सुबह उस रिजॉर्ट के पास नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला जहां मध्य प्रदेश के बागी कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पुलिस पर विधायकों से मुलाकात न करने देने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया.

पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए सिंह ने भाजपा पर विधायकों को बंधक बनाने का आरोप लगाया और कहा कि वह ‘भूख हड़ताल’ करेंगे. उन्होंने कहा, भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया और एक सांसद ने उन्हें बंधक बना रखा है. मैं अपने विधायकों, अपने मतदाताओं (राज्यसभा चुनाव के लिए), अपनी ही पार्टी के लोगों से क्यों नहीं मिल सकता? भाजपा इसमें क्या कर रही है? सिंह ने आरोप लगाया कि रिजॉर्ट के भीतर कांग्रेस विधायक उनसे मिलना चाहते हैं लेकिन उन्हें ऐसा करने नहीं दिया जा रहा है.

पुलिस द्वारा मनाने की कोशिश करने पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, अपने कांग्रेस विधायकों से मिलना मेरा अधिकार है. मैं भाजपा विधायकों से नहीं मिलना चाहता. मैं कांग्रेस विधायकों से मिलना चाहता हूं. लोगों ने उन्हें कांग्रेस विधायक के तौर पर वोट दिया था न कि भाजपा विधायकों के तौर पर. पार्टी सूत्रों ने बताया कि सिंह बुधवार सुबह शहर में पहुंचे और प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त प्रमुख डी के शिवकुमार, पूर्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और अन्य लोगों ने उनकी अगवानी की.

सूत्रों ने बताया कि सिंह सीधे रिजॉर्ट पहुंचे जहां पुलिस ने उन्हें प्रवेश करने नहीं दिया. शिवकुमार तथा राज्य के अन्य नेता भी घटनास्थल पर पहुंचे. कांग्रेस द्वारा जारी की गई वीडियो में सिंह कहते दिखाई दिए, मैं मध्य प्रदेश का पूर्व मुख्यमंत्री हूं, जो राज्यसभा चुनाव का उम्मीदवार है. मतदान 26 मार्च को है। यहां 22 विधायक ठहरे हुए हैं और वे मुझसे बात करना चाहते हैं लेकिन उनके फोन ले लिए गए हैं और पुलिस हमें उनसे बात करने नहीं दे रही है.

उन्होंने कहा, पुलिस कह रही है कि विधायकों की सुरक्षा को खतरा है. मैंने उन्हें बताया कि मैं गांधीवादी हूं और मेरे पास कोई बम या राइफल नहीं है, हमें उनसे मिलने दीजिए और मैं वापस चला जाऊंगा. पुलिस अधीक्षक (बेंगलुरु ग्रामीण) भीमाशंकर एस गुलेड ने सिंह को यह कह कर समझाने का प्रयास किया कि रिजॉर्ट में मध्य प्रदेश के विधायकों ने पुलिस सुरक्षा मांगी है. विधायकों ने पुलिस को लिखा है कि वे किसी से नहीं मिलना चाहते क्योंकि उन्हें मुश्किल में पड़ने की आशंका है और यह सिंह तथा अन्य लोगों को बता दिया गया है.

पुलिस अधिकारी ने कहा, हमने उन्हें पत्र भी दिखाया. पुलिस के दावे पर सवाल उठाते हुए सिंह ने कहा, वे (पुलिस) विधायकों के नाम या और कुछ नहीं जानते तो हमें कैसे पता चल सकता है कि एसपी ने विधायकों से बात की है? वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि विधायकों का कोई पत्र उन्हें नहीं दिखाया गया. उन्होंने कहा कि उन्हें फोन पर कुछ दिखाया गया जिसमें दो विधायकों के नाम थे, इनमें से एक मेरी सरकार में मंत्री थे.

उन्होंने कहा, उन्हीं विधायकों ने मुझसे यहां आने को कहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि विधायकों के जाली हस्ताक्षर लिए गए. कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन किया और दावा किया कि पार्टी के 20 और विधायक उनके साथ आना चाहते हैं और वे आने वाले दिनों में भाजपा में आने पर विचार कर रहे हैं. कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए उसके प्रतिष्ठित युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ दी और इसके बाद मध्य प्रदेश से पार्टी के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया. इसके साथ 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है. सिंधिया 11 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे.

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