CM Kamal Nath resign : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के पद से अपना इस्तीफा प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन को सौंप दिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार दोपहर दो बजे होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पद से त्यागपत्र देने की घोषणा करते हुए कहा कि जनता द्वारा नकारे गए सत्तालोलुप ‘महाराज’ और उनके लोगों के साथ मिलकर भाजपा ने खेल रचकर लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश के 22 कांग्रेस विधायकों ने बागी होकर त्यागपत्र दे दिये थे. इनमें अधिकांश सिंधिया समर्थक हैं. इसके बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार संकट में आ गयी थी.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास में पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने घोषणा की कि वह राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री निवास में पत्रकार वार्ता में कमलनाथ ने कहा कि किस प्रकार करोड़ों रुपये खर्च कर प्रलोभन का खेल खेला गया जनता द्वारा नकारे गये महत्वाकांक्षी, सत्तालोलुप ‘महाराज’ और उनके द्वारा प्रोत्साहित 22 लोभियों के साथ मिलकर भाजपा ने खेल रच लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की, जिसकी सच्चाई थोड़े ही समय में सभी के सामने आएगी. प्रदेश की जनता के साथ धोखा करने वाले इन लोभियों व बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी. मैं चाहता था कि कांग्रेस महल में नहीं बल्कि महल कांग्रेस में आए ताकि जनता शक्तिशाली बने.
आगे कमलनाथ ने कहा कि आज के बाद कल भी आता है। कल के बाद परसों भी आता है. जनता गवाह है. आज मैंने तय किया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा दूंगा. और इसका कारण है कि मैंने देश के लोकतांत्रक मूल्यों का पालन किया. मैं नीलामी एवं सौदे की राजनीति में कभी पड़ा नहीं. मैंने साफ एवं स्पष्ट राजनीति की है. मैंने मूल्यों की राजनीति की है. पूरा मीडिया एवं पूरी जनता गवाह है मेरे 40 साल में जब मैं सांसद रहा, कोई मेरे ऊपर उंगली नहीं उठा सका. मैंने किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को अपने काम की सिफारिश के लिए फोन नहीं किया, यदि किया तो छिंदवाडा के विकास के लिए किया.
उन्होंने कहा कि वह लोगों के कल्याण के काम करना जारी रखूंगा. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा को प्रदेश हित में मेरे द्वारा किये जा रहे जनहितैषी कार्य रास नहीं आए इसलिए भय व बौखलाहट में वो मेरे खिलाफ निरंतर साजिश रचती रही. हमारे 22 विधायकों को प्रलोभन देकर कर्नाटक में बंधक बनाने का काम किया, जिसकी सच्चाई देश की जनता ने प्रतिदिन देखी.
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मेरी सरकार को अस्थिर कर भाजपा प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के साथ विश्वासघात कर रही है. उसे यह भय सता रहा है कि यदि मैं प्रदेश की तस्वीर बदल दूंगा तो प्रदेश से भाजपा का नामोनिशान मिट जाएगा. उन्होंने 15 महीनों में किसान रिण माफी योजना, इंदिरा ज्योति योजना और सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि बढ़ाने सहित अपने कामों को विस्तार से बताते हुए कहा कि इन कामों की सच्चाई प्रदेश की जनता जानती है और मुझे जनता के प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, भाजपा के प्रमाण पत्र की नहीं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस का वचन पत्र पांच साल के लिए था लेकिन 15 माह में अपने वचन पत्र के करीब 400 वचनों को पूरा किया जबकि 21,000 अधूरी घोषणाओं वाली भाजपा को हमारा वचनों को पूरा करना रास नहीं आया. देश की जनता ने कांग्रेस को पांच साल दिए जबकि भाजपा को 15 साल दिए थे। जनता ने उनके कार्यकाल की और मेरे 15 माह के कार्यकाल को देखा है.
कमलनाथ ने दावा किया कि इन 15 माह में प्रदेश का हर नागरिक गौरवान्वित हुआ है. हमने 15 माह में प्रदेश को माफिया मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाया लेकिन भाजपा नहीं चाहती थी कि माफियाओं के खिलाफ कोई कार्यवाही हो क्योंकि ये सारे माफिया भाजपा की 15 साल की सरकार में ही पनपे हैं. इसलिए कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने की भाजपा ने साजिश रची और प्रदेश को भयमुक्त और सुरक्षित प्रदेश बनने से रोकने का काम किया. उन्होंने कहा कि भाजपा को डर था कि पिछले 15 साल के घोटाले और कारनामों के खुलासा होने का समय आ गया. इस घोटाले के आपराधिक तत्वों और भ्रष्टचारियों द्वारा कमाए धन का उपयोग कर भाजपा ने मेरी सरकार को गिराने का षडयंत्र किया.
कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सोचती है कि यह मेरे प्रदेश को हराकर खुद जीत जायेंगे, ना ये मेरे प्रदेश को हरा सकते हैं ना मेरे हौसले को, ये जितना षडयंत्र मेरे प्रदेश के साथ करेंगे उतना ही मेरा विश्वास दृढ़ होगा.