इंदौर निगमकर्मियों को महिला सब्जी विक्रेता ने फर्राटेदार अंग्रेजी में सुनायी खरीखोटी, सब रह गए दंग, देखिये वीडियो
Indore, PhD Vegetable Seller: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की महिला सब्जी विक्रेता सोशल मीडिया पर चर्चा में छायी हुई है. इंदौर में प्रशासन ने सब्जी ठेला संचालकों को एक जगह पर खड़े होकर व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. बुधवार को जब निगम सब्जी मंडी में कार्रवाई करने पहुंचा तो यहां एक महिला ने जबरदस्त विरोध किया. महिला के विरोध का यह तरीका सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर की महिला सब्जी विक्रेता सोशल मीडिया पर चर्चा में छायी हुई है. इंदौर में प्रशासन ने सब्जी ठेला संचालकों को एक जगह पर खड़े होकर व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. बुधवार को जब निगम सब्जी मंडी में कार्रवाई करने पहुंचा तो यहां एक महिला ने जबरदस्त विरोध किया. महिला के विरोध का यह तरीका सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे महिला ने फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर निगमकर्मियों की बोलती बंद कर दी. धाराप्रवाह अंग्रेजी में बोलते हुए, उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम अधिकारी सब्जी विक्रेताओं को परेशान कर रहे हैं. फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली महिला का नाम रईसा अंसारी है. उनका दावा है कि उन्होंने इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से मटेरियल साइंस में पीएचडी की है.
#WATCH इंदौर की रईसा अंसारी सब्जी विक्रेता, प्रशासन जब सब्जी विक्रेताओं को हटाने पहुँचा तो रईसा ने उसे अंग्रेजी में जमकर झाड़ लगाई. #viralvideo #Indore pic.twitter.com/6KluUxQQ0o
— Aman Dubey (@amandubey_9) July 23, 2020
वायरल वीडियो में उन्होंने कहा हम लोग क्या करें, प्रधानमंत्री या कलेक्टर के घर जाकर मर जाएं या निगम के गले पड़ें? निगमकर्मी महिला की बात सुनते ही रह गए. निगम के ठेले हटाने की कार्रवाई का विरोध करते हुए रईसा ने कहा- सब्जी बेचना उसका पुश्तैनी काम है. पिता की उम्र 75 साल है. उन्होंने कहा कि हम यहां 65 साल से फल-सब्जी का कारोबार कर रहे हैं. अचानक आकर कोई हमें कैसे भगा सकता है. कभी कहते हैं, बायें जाओ कभी कहते हैं दाये जाओ, परेशान हो गए हैं.
बार-बार कहते हैं यहां से जाओ. हर फल और सब्जी वाले के परिवार में 25 से 27 लोग हैं, उनका भरण पोषण कैसे करें? कई दिनों से पानी पीकर सो रहे हैं. किसी प्रकार की आमदनी नहीं हो रही. करें तो क्या करें, जाएं तो जाएं कहां? रईसा का कहना है कि वो वर्ग विशेष से है तो उसको पीएचडी करने के बाद भी कही नौकरी नहीं मिल रही है.
लिहाजा उसने तय किया है कि सब्जी बेचकर ही वो अपना घर चलाएगी लेकिन कोरोना की आड़ में नगर निगम के अधिकारी उसे यह व्यवसाय भी नहीं करने दे रहे हैं. महिला ने कहा कि वह जॉब करना चाहती है लेकिन प्राइवेट जॉब को नो जॉब करार दिया.
Posted By: Utpal kant