मध्य प्रदेश में आईएएस अफसर गिरफ्तार, कोर्ट के जाली फैसले तैयार कर पदोन्नति पाने का आरोप
Madhya Pradesh News Updates मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला से मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत के दो अलग-अलग जाली फैसले तैयार करने के आरोप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS Santosh Verma) के अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर के एसपी आशुतोष बागड़ी ने कहा कि मारपीट के एक मामले में वे आरोपी थे. कुछ अज्ञात लोगों की मदद से उन्होंने अदालती आदेशों के साथ फर्जीवाड़ा किया.
Madhya Pradesh News Updates मध्य प्रदेश के इंदौर में एक महिला से मारपीट के मामले में स्थानीय अदालत के दो अलग-अलग जाली फैसले तैयार करने के आरोप में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS Santosh Verma) के अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर के एसपी आशुतोष बागड़ी ने कहा कि मारपीट के एक मामले में वे आरोपी थे. कुछ अज्ञात लोगों की मदद से उन्होंने अदालती आदेशों के साथ फर्जीवाड़ा किया.
एसपी आशुतोष बागड़ी ने कहा कि वे नगरीय प्रशासन प्राधिकरण में पदस्थापित थे और उनकी पदोन्नति होनी थी. उन्हें आईएएस अवार्ड भी मिलना था. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी. इधर, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों का कहना है कि आरोपी इस मामले में कथित दोषमुक्ति को लेकर अदालत के जाली फैसले की मदद से राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस संवर्ग में पदोन्नत हुआ था.
#WATCH | Madhya Pradesh: IAS officer Santosh Verma arrested in Indore for forging court orders to escape an assault case.
— ANI (@ANI) July 11, 2021
"He was an accused in an assault case. With the help of some unknown persons, he forged court orders," says Ashutosh Bagri, SP, Indore. pic.twitter.com/XTtUFZgaGW
वहीं, पुलिस अधीक्षक हरीश मोटवानी ने रविवार को बताया कि एक स्थानीय अदालत के दो जाली निर्णय तैयार करने के मामले में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर आयुक्त के रूप में भोपाल में पदस्थ संतोष वर्मा को पूछताछ के बाद शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया. सीएसपी ने मामले की जांच जारी होने का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी साझा नहीं की.
बताया जा रहा है कि इस मामले में जिला न्यायालय के एक विशेष न्यायाधीश ने एमजी रोड थाने में 26 जून को शिकायत की थी. इसके आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-बी, धारा 420, 467, 471 और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोप है कि विशेष न्यायाधीश के नाम पर 6 अक्टूबर 2020 की तारीख के दो जाली फैसले तैयार किए गए. इनमें से एक फैसले में वर्मा को एक महिला से गाली-गलौज, मारपीट और आपराधिक धमकी के आरोपों से बरी बताया गया था. जबकि, दूसरे फैसले में कहा गया था कि दोनों पक्षों में समझौता हो गया है.
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