मध्यप्रदेश में दो और कोरोना वायरस से संक्रमित, कुल 6 मामले हुए, 9 जिलों में लॉकडाउन, सीमाएं सील
भोपाल : मध्यप्रदेश में रविवार को एक महिला सहित दो और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये. इसी के साथ मध्यप्रदेश में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गयी है. संक्रमित पाये गये दो लोगों में भोपाल में 26 वर्षीय एक छात्रा और जबलपुर में 40 वर्षीय एक पुरुष शामिल हैं.
भोपाल : मध्यप्रदेश में रविवार को एक महिला सहित दो और लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये. इसी के साथ मध्यप्रदेश में इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गयी है. संक्रमित पाये गये दो लोगों में भोपाल में 26 वर्षीय एक छात्रा और जबलपुर में 40 वर्षीय एक पुरुष शामिल हैं.
भोपाल में कोविड19 का यह पहला मामला है, जबकि जबलपुर में पांचवां. मध्यप्रदेश में शुक्रवार को कोरोना वायरस का पहला मामला आया था. इस दिन चार लोग जबलपुर शहर में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे. उनमें दुबई से लौटे जबलपुर के एक कारोबारी परिवार के तीन सदस्य और जर्मनी से लौटा एक व्यक्ति शामिल है.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, जो व्यक्ति रविवार को जबलपुर में संक्रमित पाया गया है, वह दो दिन पहले जबलपुर के संक्रमित पाये गये कारोबारी की दुकान में काम करता है. उसे भी जबलपुर शहर के पृथक वार्ड में रखा गया है. यह कारोबारी दुबई से आने के बाद अपनी दुकान खोलकर उसमें बैठा था.
भोपाल में कोराना वायरस से संक्रमित पायी गयी छात्रा लंदन से आयी थी. इसके मद्देनजर मध्यप्रदेश सरकार ने एहतियात तौर पर भोपाल एवं जबलपुर सहित नौ जिलों को लॉकडाउन कर दिया है. इन दोनों जिलों के अलावा, सात अन्य जिले सिवनी, बालाघाट, बैतूल, ग्वालियर, छिंदवाड़ा, रतलाम और नरसिंहपुर हैं.
इन नौ जिलों में से नरसिंहपुर में 14 दिनों तक शटडाउन रहेगा, जबकि भोपाल में तीन दिन यानी 72 घंटे का लॉकडाउन किया गया है. बाकी सात जिलों को दो या तीन दिनों तक बंद किया जायेगा. इसके अलावा, अत्यावश्यक सेवा से जुड़े अमले को छोड़कर मध्यप्रदेश के समस्त सरकारी कार्यालयों एवं संस्थाओं में कार्यरत अमले को अस्थायी रूप से 31 मार्च तक अपना कार्यालयीन कार्य अपने निवास स्थान से करने के आदेश जारी किये हैं.
भोपाल के कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े ने बताया, ‘भोपाल में रविवार को एक लड़की कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी. वह तीन दिन पहले लंदन से भोपाल लौटी थी. वह लंदन में लॉ में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही है और 17 मार्च को लंदन से दिल्ली पहुंची. उसके बाद 18 मार्च को वह भोपाल आयी.’
उन्होंने कहा कि इस लड़की के नमूने जांच के लिए भेजे गये थे और जांच में उसके संक्रमित होने का पता चला है. उन्होंने कहा कि इस लड़की को शहर के एक अस्पताल में पृथक वार्ड में रखा गया है. पिथोड़े ने बताया कि इस महिला के घर एवं आसपास के इलाके को भी सैनीटाइज कर दिया गया है. इस लड़की के माता-पिता को भी पृथक रहने को कहा गया है.
उन्होंने कहा, ‘स्थिति को देखते हुए भोपाल जिले में तत्काल प्रभाव से लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. यह लॉकडाउन 24 मार्च की रात्रि 12 बजे तक रहेगा. इसमें किसी भी व्यक्ति को अपने घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी. जिले की सभी सीमाएं सील कर दी गयी हैं. किसी भी माध्यम सड़क एवं रेल से जिले की सीमाओं में बाहरी लोगों का आवागमन प्रतिबंधित किया गया है.’
मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोट ने को बताया कि नौ जिलों भोपाल, जबलपुर, रतलाम, सिवनी, बालाघाट, बैतूल, ग्वालियर, छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर को लॉकडाउन किया गया है. उन्होंने कहा कि इन 9 जिलों में नरसिंहपुर में 14 दिनों तक बंद रहेगा, जबकि भोपाल में तीन दिन तक और अन्य सात जिलों को दो या तीन दिनों तक बंद किया जायेगा.
भनोट ने बताया कि सभी संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज कराया जा रहा है. इन सभी की हालत स्थिर है. उन्होंने कहा कि हम पूरे मध्यप्रदेश में कड़ी नजर रख रहे हैं. मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के तहत स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, संग्रहालयों, नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व और मॉल को पहले ही बंद कर दिया गया है.
वहीं, मध्यप्रदेश से महाराष्ट्र व राजस्थान के बीच बस सेवा को भी 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है. इसके अलावा, कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मध्यप्रदेश में स्थित दो प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर 31 मार्च तक प्रतिबंध लगाया गया है.
इसी बीच, मध्यप्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से चर्चा कर उन्हें निर्देश दिया कि कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रदेश में पर्याप्त सतर्कता रखी जाये. उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में आवश्यकतानुसार तब तक सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करते हुए पूर्णत: बंद रखा जाये, जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ जाती है.
कमलनाथ ने आम जनता से भी आह्वान किया कि वे स्वेच्छा से अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद करके अपने घरों में रहें, सामाजिक समारोहों का आयोजन न करें तथा यात्राएं न करें, ताकि कोरोना वायरस की महामारी को प्रदेश में फैलने से रोका जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित ‘जनता कर्फ्यू’ के मद्देनजर मध्यप्रदेश की सड़कें रविवार सुबह से सुनसान रहीं और सार्वजनिक स्थलों पर सन्नाटा रहा.