Maha shivratri 2022:महाशिवरात्रि पर उज्जैन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी, प्रज्वलित होंगे 21 लाख दीए

Maha shivratri 2022: महाशिवरात्रि के अवसर पर महाकाल की नगरी उज्जैन में नया इतिहास रचने की तैयारी चल रही है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शहर का नाम दर्ज कराने के उद्देश्य से यहां 21 लाख दीप एक साथ प्रज्वलित किए जाएंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2022 6:48 PM

Maha shivratri 2022: महाशिवरात्रि 1 मार्च को है. इस साल शिवरात्रि के अवसर पर महाकाल की नगरी उज्जैन में नया इतिहास रचने की तैयारी चल रही है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शहर का नाम दर्ज कराने के उद्देश्य से यहां 21 लाख दीप जला कर पूरे शहर को रौशन किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले 11 से 15 लाख दीप जलाने की योजना थी लेकिन अब 21 लाख दीप जलाए जाएंगे.

12 हजार स्वयंसेवक दीप जलाने की उठाएंगे जिम्मेदारी

योजना के तहत महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक जलाए जाएंगे. जबकि करीब तीन लाख दीपक शहर में अलग-अलग जगहों, घरों और प्रतिष्ठानों में जलाए जाएंगे. इन दिनों को लगाने और प्रज्वलित करने की जिम्मेदारी12 हजार स्वयंसेवक उठाएंगे. इस कार्य के लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

योजना के तहत रिहर्सल भी हुआ

कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार पहले 15 लाख दीये लगाने की योजना थी, लेकिन जिस तरह से कार्यक्रम के लिए लोग भागीदारी कर रहे हैं और उत्साहित है, इसे देखते हुए लक्ष्य को और बड़ा कर दिया गया. इस कार्य में शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों, विद्यार्थियों और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी जोड़ा गया है. अलग-अलग समितियां बनाई गई हैं. शिप्रा किनारे एक हजार दीपक लगाकर इस योजना के तहत रिहर्सल भी की गई. रिहर्सल के बाद यह बात सामने आई कि एक आदमी लगभग सौ दीये लगा सकेगा. बता दें कि इसके पहले अय़ोध्या में दीपोत्सव मनाया गया था जिसमें दीपावली के अवसर पर 12 लाख दीपक प्रज्वलित किए गए थे.

एक साथ जलेंगे सभी दीए

उज्जैन शहर को शिवरात्रि के अवसर पर दीयों की रौशनी से रौशन करने की योजना के तहत अलग-अलग घाटों पर 12 लाख दीये, महाकाल मंदिर में 51 हजार दीये, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के चिंतामण , कालभैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर, मंगलनाथ सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे. इस योजना को लेकर दावा किया जा रहा है कि ऐसा दुनिया में पहली बार होगा, जब एक शहर में एक साथ और एक समय पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे. आयोजन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारियों से संपर्क किया जा चुका है.

40 लाख होगा खर्च

इस योजना के तहत पूरा खर्च करीब 40 लाख रुपए का आएगा जिसमें दीये लगाने के लिए तेल, मिट्टी के दीये और बाती समेत अन्य खर्च शामिल हैं. इसमें करीब 4 लाख रुपए की बाती लगेगी. 1500 डिब्बे तेल लगने की संभावना है. कार्यक्रम के तहत सभी दीपक एक साथ शाम सात बजे जलाए जाएंगे. दीए जलाने से पहले पहले सायरन बजेगा और वॉलंटियर सायरन बजते ही एक साथ दीपक जलाना शुरू कर देंगे. प्रज्वलित किए गए सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे.

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