MP में महाकाल ने की कैबिनेट की अध्यक्षता, शिवराज ने देवता के लिए छोड़ी कुर्सी, बोले- बाबा राजा, हम सेवक
MP Shivraj Singh Chouhan Government: उज्जैन में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल की तस्वीर को अपने सामने कुर्सी पर रखा. बता दें कि उज्जैन में भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर है.
MP Shivraj Singh Chouhan Government: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्जैन यात्रा से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर सुर्खियों में बने हुए है. दरअसल, मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कैबिनेट की बैठक की अध्यक्षता की. उज्जैन में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान उन्होंने महाकाल की तस्वीर को अपने सामने कुर्सी पर रखा था. बता दें कि यह पहली बार था जब उज्जैन में राज्य कैबिनेट की बैठक हुई थी. यहां भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर है.
महाकाल महाराज यहां के राजा, हम सभी उनके सेवक
कैबिनेट की बैठक के दौरान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह महाकाल महाराज की सरकार है और वो यहां के राजा हैं. उनके सभी सेवक महाकाल महाराज की धरती पर एक बैठक के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह ऐतिहासिक पल है. हमने कल्पना की थी कि महाकाल महाराज के परिसर का विस्तार किया जाएगा. शिवराज सिंह ने कहा कि कई मकान विस्थापित किए गए, उनको कष्ट न देते हुए 150 करोड़ रुपये की लागत से उन्हें विस्थापित किया. कई विकास के काम हमने किए हैं. रुद्रसागर को हमने पुनर्जीवित किया है, इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा. मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया है. दूसरे चरण में भी कई काम पूर्ण होने हैं. इसके साथ ही सीएम शिवराज ने कहा कि 11 अक्टूबर को उज्जैन में स्थानीय अवकाश रहेगा.
11 अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आएंगे पीएम मोदी
मालूम हो कि पीएम मोदी 11 अक्टूबर को महाकाल की नगरी उज्जैन आएंगे और यहां विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के भव्य नवनिर्मित कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे. इसके बाद कॉरिडोर को आम श्रद्धालुओं क लिए खोल दिया जाएगा. महाकाल परिसर विस्तार की कल्पना 2016 सिंहस्थ के समय शुरू हुई थी. मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल परिसर का विस्तार 20 हेक्टेयर में किया जा रहा है. विस्तार के बाद महाकाल मंदिर परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से चार गुना बड़ा होगा. काशी विश्वनाथ कॉरीडोर 5 हेक्टेयर में फैला है.