मध्य प्रदेश की सीमा पर यूपी-बिहार के प्रवासियों को छोड़ रहा महाराष्ट्र
बड़वानी : मध्य प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि महाराष्ट्र को प्रवासी श्रमिकों को मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ने के बजाय प्रवासियों के गृह राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में सीधे भेजना चाहिए. मध्य प्रदेश में मुम्बई-आगरा राजमार्ग पर सेंधवा के पास मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर प्रवासियों के बड़ी संख्या में आने और उनके द्वारा किये गये हंगामे के बाद शुक्रवार को सीमा पर जायजा लेने आए राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. प्रदेश सरकार के अनुसार बड़वानी जिले के सेंधवा शहर के पास बिजासन घाट पर महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश की सीमा पर प्रवासी श्रमिकों की आमद का बड़ा दबाव बना हुआ है.
बड़वानी : मध्य प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि महाराष्ट्र को प्रवासी श्रमिकों को मध्य प्रदेश की सीमा पर छोड़ने के बजाय प्रवासियों के गृह राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार में सीधे भेजना चाहिए. मध्य प्रदेश में मुम्बई-आगरा राजमार्ग पर सेंधवा के पास मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र की सीमा पर प्रवासियों के बड़ी संख्या में आने और उनके द्वारा किये गये हंगामे के बाद शुक्रवार को सीमा पर जायजा लेने आए राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही. प्रदेश सरकार के अनुसार बड़वानी जिले के सेंधवा शहर के पास बिजासन घाट पर महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश की सीमा पर प्रवासी श्रमिकों की आमद का बड़ा दबाव बना हुआ है.
महाराष्ट्र को प्रवासियों को गंतव्य तक छोड़ना चाहिए
पिछले सप्ताह के दौरान प्रवासी श्रमिकों द्वारा हंगामा और पथराव की अनेक घटनाओं के बाद इंदौर संभाग के आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर बिजासन घाट का दौरा किया. इस अवसर पर श्री त्रिपाठी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे प्रदेश स्तर पर प्रयास कर रहें हैं कि महाराष्ट्र को बताया जाए कि इन प्रवासियों को सीधे ट्रेन द्वारा उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने गंतव्य स्थानों पर भेजा जाए. उन्होंने कहा कि इसके अलावा महाराष्ट्र को सीमित संख्या में प्रवासी श्रमिकों को यहां भेजना चाहिए ताकि हम उन्हें ठीक से संभाल सकें. समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक महाराष्ट्र द्वारा बसों से प्रवासी श्रमिकों को यहां लाकर छोड़ा जा रहा है. इसके बाद प्रवासियों को उनके संबंधित राज्यों में छोड़ने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश की है, के सवाल पर त्रिपाठी ने कहा कि महाराष्ट्र को ऐसा नहीं करना चाहिए. यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है. महाराष्ट्र उन्हें गलत स्थान पर छोड़ रहा है. श्री त्रिपाठी ने कहा कि महाराष्ट्र सतना और रीवा जैसे पूर्वी मध्य प्रदेश के जिलों के प्रवासियों को भी मध्य प्रदेश के पश्चिम में स्थित सीमा पर छोड़ रहा है. इसके अलावा वे (महाराष्ट्र) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को भी मध्य प्रदेश के पश्चिम में स्थित इस सीमा पर छोड़ रहे हैं. महाराष्ट्र को उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों को सीधे ट्रेनों द्वारा उनके गंतव्य की ओर भेजा जाना चाहिए.
दूसरे राज्यों के प्रवासियों को बसों से भेजने वाला पहला राज्य
इंदौर संभाग के आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने कहा कि यह गलत है क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को बस उपलब्ध कराने का फैसला मानवीयता के आधार पर लिया था क्योंकि वे पैदल ही जा रहे थे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जो अन्य राज्यों के प्रवासियों को बस सुविधा दे रहा है ताकि श्रमिकों को पैदल न चलना पड़े. इंदौर के संभाग आयुक्त ने कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र के अधिकारियों से कहा है कि वे प्रवासी श्रमिकों की यहां आ रही भीड़ को नियंत्रित करें ताकि यहां प्रशासन उन्हें उनके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था कर सके. उन्होंने कहा कि उनके पास भी संसाधन सीमित हैं. वे बसों को एक दिन में 100 या 200 तक बढ़ा सकते हैं. इसके साथ ही महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग ट्रकों से भी आ रहे हैं.