भोपाल : गोपाष्टमी के मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गायों के संवर्धन और संरक्षण के लिए गठित गो-कैबिनेट की पहली बैठक में भाग लिया. वहीं, सालरिया गौ-अभ्यारण्य में गोबर और गौमूत्र आदि से बने उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया. साथ ही कई विकासकार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया.
We have decided to provide cow milk in place of eggs to severely malnourished children in Madhya Pradesh: Chief Minister Shivraj Singh Chouhan https://t.co/q0n75C8EHG
— ANI (@ANI) November 22, 2020
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ”हमने मध्य प्रदेश में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को अंडे की जगह गाय का दूध देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में करीब 7-8 लाख आवारा मवेशी हैं. राज्य सरकार करीब 2,000 नये गौ आश्रमों का निर्माण करेगी. सभी गौशालाएं सरकार द्वारा संचालित नहीं होंगी. बल्कि, एनजीओ भी उनका संचालन करेंगे.
उन्होंने कहा कि गौशालाएं आत्मनिर्भर हों, इसके लिए गाय का दूध, गोबर, गोमूत्र जैसे उत्पादों को बढ़ावा दिया जायेगा. गाय का दूध कुपोषित बच्चों को दिया जायेगा, गोबर से गोकाष्ठ बनता है जिसके इस्तेमाल से वन बचते हैं और गोमूत्र से औषधि बनती है.
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश सरकार की नवगठित गौ-कैबिनेट की पहली बैठक रविवार को हुई. इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गयी. उन्होंने कहा कि गौ-वंश के संरक्षण और संवर्धन का काम हम श्रद्धा के साथ-साथ पर्यावरण बचाने, फसलों का उत्पादन बढ़ाने और कुपोषण दूर करने के लिए भी कर रहे हैं.
मालूम हो कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में मध्य प्रदेश में गौ-वंश की सुरक्षा और संवर्धन को लेकर अलग कैबिनेट बनाने की घोषणा की थी. गायों के लिए स्थापित यह देश का पहला निकाय है. इसमें सूबे के पशुपालन, वन, पंचायत और ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग के मंत्री शामिल किये गये हैं.