MP Board: सड़क किनारे जूता-चप्पल बेचते हैं पिता, बेटी बनी 12वीं 3rd टॉपर, बोली- डॉक्टर बनूंगी
MP Board class 12th Result: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) द्वारा सोमवार को घोषित 12वीं कक्षा के नतीजे आने के बाद टॉपर मधु आर्या सबकी आंखों का तारा बन गई हैं.वह पूरे प्रदेश में तीसरे स्थान पर आई है. उसके पिता सड़क किनारे फुटपाथ पर चप्पल-जूते की दुकान लगाते हैं. जब पता चला कि बेटी आर्या जीव विज्ञान समूह की थर्ड टॉपर बनी है तो लोग सड़क किनारे ही बधाई देने लगे. घर पर तो बधाई देने वालों का तांता ही लगा हुआ है.
MP Board class 12th Result: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) द्वारा सोमवार को घोषित 12वीं कक्षा के नतीजे आने के बाद टॉपर मधु आर्या सबकी आंखों का तारा बन गई हैं.वह पूरे प्रदेश में तीसरे स्थान पर आई है. उसके पिता सड़क किनारे फुटपाथ पर चप्पल-जूते की दुकान लगाते हैं. जब पता चला कि बेटी आर्या जीव विज्ञान समूह की थर्ड टॉपर बनी है तो लोग सड़क किनारे ही बधाई देने लगे.
घर पर तो बधाई देने वालों का तांता ही लगा हुआ है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मधु आर्य ने कहा कि वह आगे चलकर एनईईटी परीक्षा पास कर डॉक्टर बनना चाहती है. मधु जीव विज्ञान समूह में 500 में से 485 अंक (97 फीसदी) हासिल कर प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त की है.. मधु अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और टीचर को देती है. बेटी की पढ़ाई में आगे कोई रुकावट पैदा न हो, इसलिए पिता अभी से मदद की मांग कर रहे हैं.
I've worked hard. I used to wake up at 4 am and studied for 8-10 hours every day. I want to be a doctor. I am preparing for NEET. My parents & the entire family is very happy. I appeal to the govt to support me in my higher education because my father can't afford it: Madhu Arya https://t.co/oTwvDugGR3 pic.twitter.com/1MT8GhDtaP
— ANI (@ANI) July 28, 2020
मधु आर्या रोजाना कितने घंटे पढ़ती हैं?
मधु की मां ने कहा कि मुश्किलों के बीच उसे पढ़ाई करने के हर संसाधन दिए, उसने भी बहुत मेहनत किया. एएनआई से बात करते हुए मधु ने कहा कि उसने खूब मेहनत की है. रोजाना सुबह चार बजे उठ जाती थी करीब 8 से 10 घंटे पढाई करती थी. उसने कहा कि मैं डॉक्टर बनने की तैयारी में जुटी हुई है. इस रिजल्ट से वो और उसके माता पिता बेहद खुश हैं.
उसने सरकार से मांग की कि आगे की पढ़ाई में उशकी मदद की जाए क्योंकि उसके पिता इतने सक्षम नहीं हैं कि खर्च उठा सकें. उसके पिता बेटी की पढ़ाई के लिए सरकार से आर्थिक मदद की गुहार भी लगा रहे हैं. मधु के पिता कन्हैया श्योपुर के गांधीनगर मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रहते हैं. बिटिया सरकारी उत्कृष्ट विद्यालय में पढ़ती थी. कन्हैया आर्य फुटपाथ पर चप्पल-जूते बेचकर परिवार की आजीविका चलाते हैं.
Posted By: Utpal kant