मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh ) ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार (MP Cabinet Expansion) किया है. चौहान ने 23 मार्च 2020 को अकेले मुख्यमंत्री की शपथ ली थी जिसके बाद से उनके मंत्रिमंडल का यह तीसरा विस्तार हुआ. इसमें केवल दो ही मंत्रियों को शपथ दिलाई गई.
तुलसी सिलावट व गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई. ये दोनों विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं. शपथ ग्रहण के बाद सिंधिया ने ट्वीट किया कि लोकप्रिय जननेता श्री तुलसी सिलावट जी व गोविंद सिंह राजपूत जी को मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई एवं शुभकामनाएं…आप मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा दिए गए अपने नए दायित्वों को सफलता से निभाएं, यही कामना करता हूं…
लोकप्रिय जननेता श्री तुलसी सिलावट जी व गोविंद सिंह राजपूत जी को मंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई एवं शुभकामनाएं।
आप मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा दिए गए अपने नए दायित्वों को सफलता से निभाएं, यही कामना करता हूँ। pic.twitter.com/T2vmXs0OQg
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) January 3, 2021
तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में राजभवन में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. ये दोनों चौहान मंत्रिमंडल में पहले भी मंत्री रह चुके हैं. दोनों को पिछले साल 21 अप्रैल को मंत्री बनाया गया था, लेकिन तब वे विधायक नहीं थे. इसके चलते उन्हें पिछले साल संवैधानिक बाध्यता के कारण छह माह पूरे होने से एक दिन पहले मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.
दोनों ने तीन नवंबर को 28 विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव से ठीक पहले इस्तीफा दिया था. उपचुनाव में अपनी-अपनी सीट जीतकर अब वे दोनों विधायक बन गये हैं. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर तीन नवंबर को हुए उपचुनाव के 11 नवंबर को परिणाम आने के बाद से ही मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा राजनीतिक गलियारों में चल रही थी. पहले मुख्यमंत्री चौहान सहित कुल 29 सदस्य थे.
गौर हो कि उपचुनावों से पहले मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित 34 सदस्य थे. तुलसीराम सिलावट एवं गोविंद सिंह राजपूत के मंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद इनकी संख्या घटकर 32 रह गई और इस उपचुनाव में तीन मंत्री एदल सिंह कंषाना, इमरती देवी एवं गिर्राज दंडोतिया चुनाव हार गये, जिसकी वजह से उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
Posted By : Amitabh Kumar