MP Election: अपने ‘भाई’ की याद आएगी… भावुक हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान, कहा- नहीं मिलेगा ऐसा भईया
MP Election: सीएम चौहान के इस तरह के भावनात्मक बयान ऐसे वक्त आए हैं जब इस बात को लेकर अटकलें हैं कि अगर राज्य में भाजपा जीतती है तो क्या वह मुख्यमंत्री होंगे. आगामी चुनावों के लिए भाजपा द्वारा घोषित 78 उम्मीदवारों की पहली दो सूची में उनका नाम शामिल नहीं है.
MP Election: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले के बुधनी में एक कार्यक्रम में भावुक हो गये और उन्होंने वहां उपस्थित महिलाओं से कहा कि उन्हें उनके जैसा ‘‘भाई’’ कभी नहीं मिलेगा. इससे पहले, पिछले हफ्ते खरगोन में एक सभा को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा था कि उन्हें किसी पद का कोई लालच नहीं है. चौहान न कहा, अगर मेरा मांस और हड्डियां आपके (जनता के) और बच्चों के काम आएं तो मेरा जीवन सफल हो जाएगा. उन्होंने रविवार को अपनी विधानसभा सीट बुधनी के लाडकुल में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ मेरी बहनों, ऐसा भैया नहीं मिलेगा. जब मैं चला जाऊंगा, तब तुम्हें याद आऊंगा. बता दें, प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
सीएम चौहान का आया भावुक बयान
MP के सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस तरह के भावनात्मक बयान ऐसे वक्त आए हैं जब इस बात को लेकर अटकलें हैं कि अगर राज्य में भाजपा जीतती है तो क्या वह मुख्यमंत्री होंगे. आगामी चुनावों के लिए भाजपा द्वारा घोषित 78 उम्मीदवारों की पहली दो सूची में उनका नाम शामिल नहीं है. संयोग से, 78 नामों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते के साथ-साथ इंदौर के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय, के नाम शामिल हैं. बुधनी में दिए गए मुख्यमंत्री के बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर, कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें (चौहान) उनके ‘झूठ’ और ‘घोषणाओं’ के लिए याद किया जाएगा.
क्या तय है सीएम चौहान का सत्ता से जाना?
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री के बयान और वर्तमान परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि उनका (सत्ता से) जाना तय है. यादव ने कहा, ‘‘ मैंने चौहान का संबोधन देखा है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी कमी खलेगी. इससे पता चलता है कि भाजपा सरकार के खिलाफ वोट दिया जा रहा है. अपने कई हालिया भाषणों में, चौहान ने दावा किया है कि वह एक परिवार चलाते हैं, सरकार नहीं.
अगस्त में एक पत्रकार वार्ता के दौरान, जब पूछा गया कि क्या चौहान पार्टी के मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे, तो केंद्रीय गृह मंत्री और प्रमुख पार्टी रणनीतिकार अमित शाह ने मीडिया से सवाल किया था कि वह “पार्टी का काम क्यों कर रहे हैं. शाह ने कहा था कि चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री चौहान के विकास कार्यों को मतदाताओं तक ले जाने की आवश्यकता है.
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार रशीद किदवई ने कहा कि लाडकुल में चौहान का बयान बताता है कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके दिन अब गिनती के बचे हैं. किदवई ने कहा, ‘‘ उनके बाहर निकलने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं है क्योंकि भाजपा शिवराज मॉडल के बारे में बात कर रही है और (राज्य सरकार की) लाडली बहना योजना (जिसमें एक करोड़ से अधिक पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,250 रुपये मिलते हैं) को गेम चेंजर के रूप में श्रेय दे रही है. चौहान ने लाडकुल में सभा को संबोधित करते हुए यह भी कहा था कि उन्होंने मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है.
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चौहान ने भीड़ से पूछा, “मैंने मध्य प्रदेश में राजनीति की परिभाषा बदल दी है. आपने वर्षों तक कांग्रेस का शासन देखा है. क्या आपने कभी उन्हें जनता की परवाह करते देखा है. चौहान 2005 से मुख्यमंत्री हैं, दिसंबर 2018 और मार्च 2020 के बीच एक समय था, जब कमलनाथ कांग्रेस सरकार का नेतृत्व करते हुए शीर्ष पद पर थे. मध्य प्रदेश में चुनाव कार्यक्रम की अभी घोषणा नहीं की गयी है. पिछले महीने की शुरुआत में यहां अपने दौरे के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा था कि राज्य के लिए अंतिम मतदाता सूची पांच अक्टूबर को प्रकाशित की जाएगी.