MP Liquor Policy: उमा भारती के विरोध के बीच शिवराज सिंह की सरकार ने नई आबकारी नीति के लिए बनाई कैबिनेट समिति
MP New Liquor Policy: मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के लिए कैबिनेट समिति का गठन किया है. बताते चलें कि उमा भारती ने शिवराज सरकार से अनुरोध किया है कि उदार उत्पाद शुल्क लगाकर शासन लोगों की शराब पीने की आदत का फायदा न उठाए.
MP New Liquor Policy: बीजेपी (BJP) की वरिष्ठ नेता उमा भारती की नियंत्रित शराब नीति की मांग के बीच मध्य प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र के लिए नए ढांचे पर सिफारिशें देने के लिए एक कैबिनेट समिति का गठन किया है. जानकारी के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आबकारी नीति की सिफारिशें करने वाली कैबिनेट समिति में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, वन मंत्री विजय शाह, वित्त एवं आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा, शहरी विकास भूपेंद्र सिंह और स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी शामिल हैं, जबकि वाणिज्य कर विभाग के प्रधान सचिव इसके सचिव होंगे.
उमा भारती की मांगों के कारण नई नीति की घोषणा में हुई देरी!
न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एक नई नीति की घोषणा 31 जनवरी को की जानी थी, लेकिन इसमें देर हो गई. स्वाभाविक तौर पर यह देरी उमा भारती की मांगों के कारण हुई है. उन्होंने आहाता यानि एमपी में शराब की दुकान से लगी शराब पीने की जगह को बंद करने और स्कूलों एवं कुछ अन्य प्रतिष्ठानों के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकानों पर प्रतिबंध लगाने की मांग रखी है.
शराब की खपत के खिलाफ अभियान चलाती रही हैं उमा भारती
उमा भारती शराब की खपत के खिलाफ अभियान चलाती रही हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली सरकार से अनुरोध किया है कि उदार उत्पाद शुल्क लगाकर शासन लोगों की शराब पीने की आदत का फायदा न उठाए. उमा पिछले महीने 4 दिनों तक भोपाल के एक मंदिर में रुकी थीं. उस समय उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि वह अपने सुझावों को शामिल करते हुए नई आबकारी नीति का इंतजार कर रही हैं, जैसा कि मुख्यमंत्री ने उनसे वादा किया था. उन्होंने आबकारी नीति की घोषणा न होने पर 31 जनवरी को अपना मंदिर प्रवास समाप्त कर दिया और मधुशाला में गौशाला (शराब की दुकान में गौशाला) कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की. पूर्ण शराबबंदी की मांग के साथ अपना अभियान शुरू करने वाली उमा भारती अब मध्य प्रदेश में शराब की बिक्री को नियंत्रित करने की मांग कर रही हैं. मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.