MP News: मध्य प्रदेश पुलिस समेत अब कई केंद्रीय जांच एजेंसियां भी चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के मॉडरेटर बिशप पीके सिंह के खिलाफ जांच शुरू कर दी हैं. अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिशप पीके सिंह और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के एक गुर्दे रियाज भाटी के बीच एक डील हुई थी. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध शाखा (EoW) ने बीते 8 सितंबर को बिशप पीके सिंह के घर और ऑफिस की तलाशी ली थी. इस तलाशी में विदेशी करेंसी के साथ-साथ करीब 2 करोड़ रुपये नकद मिले थे.
सीएम शिवराज सिंह ने दिए जांच के आदेश: रकम बरामदगी के बाद मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आर्थिक अपराध शाखा (EoW) को आदेश दिए कि वो यह जांच करें की इस रकम का इस्तेमाल कहीं धर्म परिवर्तन के लिए तो नहीं किया जा रहा था. दरअसल, पूरे मामले में शक है कि भारी रकम देकर लोगों से जबरन धर्म परिवर्तन या इसी तरह की अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था.
सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत के बाद कार्रवाई: इस मामले में कार्रवाई छत्तीसगढ़ के एक सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश लॉरेंस की शिकायत पर की जा रही है. बता दें, नीलेश लॉरेंस ने शिकायत की थी कि बिशप पीके सिंह ने 2016 में सीएनआई की एक संपत्ति ‘जिमखाना’ को रियाज भाटी को लीज पर दिया था. पीके सिंह ने रियाज भाटी को करीब 3 करोड़ रुपये में यह जिमखाना लीज पर दिया. गौरतलब है कि सीएनआई जिमखाना ब्रिटिश जमाने की बिल्डिंग है.
लीज पर देने को लेकर आपत्ति: सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश लॉरेंस ने इस डील को लेकर पीके सिंह के खिलाफ जांच की मांग की. इसके लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी अपनी शिकायत की कॉपी भेजी. शिकायत में उन्होंने कहा कि मुंबई में रहने वाले रियाज भाटी को डॉन दाऊद इब्राहिम का सहयोगी माना जाता है. ऐसे में लॉरेंस ने सीएनआई जिमखाना को उन्हें देने पर अपनी आपत्ति जताई.
रियाज भाटी की मुंबई पुलिस कर रही तलाश: लॉरेंस ने आरोप लगाया है कि रियाज भाटी कई मामलों में आरोपी है. उसके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं. रियाज भाटी के ऊपर मुंबई पुलिस ने जबरन वसूली का मामला दर्ज किया है. इसके अलावा उसपर रंगदारी, जमीन हड़पने, जालसाजी और फायरिंग के भी मामले दर्ज हैं. वो साल 2015 और 2020 में कथित तौर फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भागने की कोशिश भी कर चुका है. भागने के दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था.
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पीके सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने स्कूल फीस के रूप में जमा 2.7 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के मामले में कार्रवाई शुरू की थी. उन पर डायोकेसन शिक्षा बोर्ड के नेतृत्व को बदलने के लिए कथित धोखाधड़ी और जालसाजी का भी आरोप है.
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