MP Political Crisis Updates : शिवराज ने राज्यपाल से मिलकर की विस अध्यक्ष की शिकायत, कहा – नीतिगत फैसला लेने से रोकें
मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद भाजपा में सरकार बनाने के लिए चल रही सरगर्मी के बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदेश के अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? वहीं शनिवार को मध्यप्रदेश के बागी कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की है.
मुख्य बातें
मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद भाजपा में सरकार बनाने के लिए चल रही सरगर्मी के बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदेश के अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? वहीं शनिवार को मध्यप्रदेश के बागी कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की है.
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शिवराज ने राज्यपाल से मिलकर की विस अध्यक्ष की शिकायत, कहा - नीतिगत फैसला लेने से रोकें
शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपास से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, सरकार बहुमत खो चुकी है, ऐसी स्थिति में कोई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसला लेना का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को नहीं है, लेकिन वो लगातार दबाव डाल रहे हैं कि श्री शरद कोल का इस्तीफा स्वीकार किया जाए, यह पक्षपातपूर्ण है. शिवराज ने कहा, राज्यपाल से हमने प्रार्थना की है कि ऐसी स्थिति में वो हस्तक्षेप करें और विधानसभा अध्यक्ष को इस तरह के गलत निर्णय जिनको लेने का अधिकार उनको नहीं है, उनको रोकें.
राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने पहुंचे शिवराज सिंह चौहान
भाजपा नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे हैं.
क्या है मौजूदा हालात, किसके पास कितनी सीटें
मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इनमें से दो विधायकों (एक कांग्रेस एवं एक भाजपा) के निधन हो जाने से वर्तमान में दो खाली हैं, जबकि कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो चुके हैं. इस प्रकार इस समय केवल 206 विधायक ही रह गये हैं. इनमें से भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 107 है, जबकि कांग्रेस के 92 विधायक हैं. इनके अलावा चार निर्दलीय, दो बसपा एवं एक सपा विधायक है. इस समय बहुमत का जादुई आंकड़ा 104 है, जो भाजपा के पास है.
कौन होगा मुख्यमंत्री, भाजपा के अंदर चर्चा तेज
मुख्यमंत्री किसे बनाएगी, इसको लेकर पशोपेश में दिख रही है. हालांकि, 13 साल तक लगातार मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री रहने का इतिहास बना चुके शिवराज सिंह चौहान इस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन क्या भाजपा आलाकमान एक बार फिर चौहान को मुख्यमंत्री बनने का मौका देंगे. यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है.
भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी आलाकमान ही इसका फैसला लेगी और बाद में विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगेगी. मालूम हो कि कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में सत्ता के लिए 18 दिन तक चले सियासी उठा-पटक के बाद मुख्यमंत्री पद से शुक्रवार को इस्तीफा दिया है. इसके बाद मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा सहित अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि जल्दी ही भाजपा प्रदेश में अपनी सरकार बनाएगी. लेकिन, सरकार गिरने के बाद भी भाजपा नेतृत्व यह नहीं बता पाया है कि वह किसके नेतृत्व में सरकार चलाएगी.
दूसरी ओर प्रदेश के अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या भाजपा उत्तरप्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों की तर्ज पर किसी अप्रत्याशित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाएगी या पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अथवा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जैसे दिग्गज नेताओं में से किसी एक को कमान सौंपेगी.
बागी विधायकों के साथ जेपी नड्डा की मुलाकात के दौरान कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे. सभी घंटों बैठक हुई और मध्यप्रदेश में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकिन चर्चा हुई. हालांकि बैठक में क्या हुछ हुआ अभी तक खबर निकलकर बाहर नहीं आयी है.
नयी दिल्ली : मध्यप्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ के इस्तीफे के बाद भाजपा में सरकार बनाने के लिए चल रही सरगर्मी के बीच राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा शुरू हो गई है कि प्रदेश के अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? वहीं शनिवार को मध्यप्रदेश के बागी कांग्रेसी विधायकों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की है.