भोपाल : सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति को शक्ति परीक्षण के लिए शुक्रवार (20 मार्च, 2020) को सदन का विशेष सत्र बुलाने और यह प्रक्रिया शाम पांच बजे तक पूरी करने के निर्देश दिये जाने के बाद प्रदेश की कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार का भविष्य अब कांग्रेस के 16 बागी विधायकों पर टिका है.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देने से सियासी संकट पैदा हुआ है. इनमें से छह के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिये थे, जबकि अन्य 16 के इस्तीफे शुक्रवार को मंजूर किये गये. यदि इन 16 बागी विधायकों में से कम से कम 13 बागी विधायक कांग्रेस के पक्ष में मतदान करते हैं, तभी यह सरकार बच सकती है, अन्यथा इस सरकार का जाना तय है.
इन 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी है. ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ की सरकार का गिरना तय है. मध्यप्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इनमें से दो विधायकों (एक कांग्रेस एवं एक भाजपा) का निधन हो जाने से वर्तमान में दो सीटें खाली हैं और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किये गये हैं.
इस प्रकार अब सदन में कुल 222 सदस्य रह गये हैं. कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 114 से घटकर 92 रह गयी है. जब तक 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं हुए थे, कमलनाथ सरकार के पास 108 विधायक थे, जो भाजपा के 107 विधायकों से अधिक थे.
सभी 22 बागी विधायकों के इस्तीफा मंजूर होने के बाद सदन में कमलनाथ सरकार के पास मात्र 92 विधायक रह गये हैं. इनके अलावा, इस सरकार को वर्तमान में चार निर्दलीय, बहुजन समाज पार्टी के दो एवं समाजवादी पार्टी के एक विधायक का समर्थन भी प्राप्त है. शक्ति परीक्षण में भी यदि ये सभी इनके साथ रहते हैं, तो कमलनाथ सरकार के पास कुल मिलाकर 99 सदस्यों का समर्थन रहेगा.
वहीं, राज्य विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की संख्या 107 है. इस प्रकार कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के मतदान में भाग न लेने पर इस सरकार का गिरना तय है. बशर्ते भाजपा के विधायक एकजुट रहें. यह सरकार बच सकती है, बशर्ते 4 निर्दलीय, दो बसपा एवं एक सपा विधायक पहले की तरह इस सरकार के समर्थन में मतदान करें और 13 बागी विधायक भी कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोट करें.